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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Sat ,29 Jul 2017 11:07:24 am |
समाचार नाऊ ब्यूरो वाशिंगटन: चीन और भारत के बीच करीब दो महीने से सिक्किम सेक्टर में तनाव जारी है. इस संबंध में अमेरिका के एक विशेषज्ञ का कहना है कि चीन को भारत के साथ सीमा गतिरोध पर कुछ भी हासिल नहीं होने वाला क्योंकि उसके द्वारा सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में बनायी जा रही सड़क कहीं नहीं जाती और उसका यह कदम भारत को अमेरिका और जापान के और नजदीक ला देगा.
अमेरिकी विदेश नीति परिषद में फेलो और एशियाई सुरक्षा कार्यक्रमों के निदेशक जेफ स्मिथ ने कहा कि इस गतिरोध से युवा भारतीयों में अविश्वास पैदा होगा जिन्हें चीन के साथ टकराव का ज्यादा अनुभव नहीं है. उन्होंने कहा, ' 'बल्कि यह भारत को अमेरिका और जापान के और नजदीक धकेल देगा और भारत में चीन विरोधी लहर पैदा करेगा.
विशेषज्ञ ने भारत चीन सीमा गतिरोध पर वाशिंगटन में श्रोताओं से कहा कि चीन के लिए दांव पर क्या लगा है? यह एक ऐसी सडक पर है जो कहीं जाती ही नहीं है. आपको बता दें कि चीन अपनी मीडिया के द्वारा समय-समय पर भारत को धमकी दे रहा है. चीन की धमकी का जवाब 30 जून को रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने दिया था. उन्होंने पड़ोसी मुल्म को नसीहत दी थी कि 2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है. जेटली ने कहा कि दोनों भारत में फर्क है. इसके पहले चीन ने कहा था कि भारत भूटान की सरहद से अपनी सेना हटा ले. रिपोर्टों के मुताबिक, चीन ने यह भी कहा था कि भारत को 1962 का युद्ध याद रखना चाहिए और उससे सबक लेना चाहिए.
दअसल, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का अहम कारण 3,500 किमोलीटर (2,174 मील) लंबी सीमा है. सीमा विवाद के कारण दोनों देश 1962 में युद्ध के मैदान में भी आमने-सामने खड़े हो चुके हैं, लेकिन अभी भी सीमा पर मौजूद कुछ इलाकों को लेकर विवाद है, जो कभी-कभी तनाव की वजह बनता है. बीते महीने शुरू हुए तनाव के बीच भारत और चीन ने सीमा पर अपनी फौज की तैनाती बढ़ा दी और एक-दूसरे से उनकी सेना को वापस बुलाने के लिए कहा. इसी की वजह से विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. कोर्इ भी देश के एक-दूसरे के सामने झुकने का नाम नहीं ले रहा है और न ही दोनों देशों के राजनयिकों में इस विवाद को लेकर अब तक कोर्इ सकारात्मक बात ही हुर्इ है
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