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MenstrualHygieneDay पर जागरूकता के लिए उठाए जा रहे कदम, पर कम नहीं आलोचनाओं का जोर

By Anil Sharda | Publish Date: Sat ,01 Jun 2019 11:06:31 am |


विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पिछले पांच सालों से 28 मई को मनाया जा रहा है। इसमें मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के लिए 400 से अधिक संगठन काम कर रहे हैं, जो लोगों में जागरूकता पैदा कर रहे हैं। 

बीते कुछ सालों में हमने कई लोगों और संगठनों को मासिक धर्म में स्वच्छता के लिए जागरूकता फैलाते देखा है, जैसे- शौचालय बनवाकर, कम कीमत में पैड मुहैया करवाकर और सफाई की उचित व्यवस्था करवाकर, जो पहले महिलाओं को उपलब्ध नहीं हुआ करती थी। केरल, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा राज्य सरकार ने भी स्कूली बच्चों को फ्री में नेपकिन देने शुरू किए हैं क्योंकि ये देखा गया है कि मासिक चक्र के दौरान लड़कियां स्कूल आने से बचती हैं। यूनिसेफ के अध्ययन के अनुसार भी ये दखा गया है कि 28% लड़कियां इस दौरान स्कूल नहीं जातीं।

इसी क्रम में समाज मे महिलाओं बच्चीयों को जागरुक करने और समाज मे मासिक धर्म के श्रम के कुंठित सोच को तोड़ने के उद्देश्य से उत्तरप्रदेश के देवरिया  जिले के रहने वाली राकेश मिश्र ने पहली बार जिले में एक पहल किया हैं

राकेश जिले में विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम कर महिलाओं में जागरूकता लाने का प्यास कर रहे हैं। राकेश ने मासिक धर्म को लेकर जागरूकता लाने के लिए खुद पर्चे बाटें और साथ ही वे सरकारी अस्पताल, पुलिस थानों में भी जागर उन्हें इसके प्रति जागरूक करने का अपील किया।
आप तस्वीरों में भी देख सकते हैं कि किस तरह पुलिस के सिपाहियों ने भी इस कार्य मे राकेश की मदद की।

राकेश उन्होंने महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान गंदे कपड़े उपयोग करने पर होने वाली बीमारियों से अवगत करवा और साथ ही उन्हें पीरियड्स के दौरान उपयोग में लाने के लिए सैनेट्री पैड्स उपलब्ध करवाए और आगे भी इसका उपयोग करने के लिए कहा।

राकेश बताते हैं के वह विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस इन मुद्दों को मुखरता से सबके सामने लाने और इसके लिए सकारात्मक कदम उठाने की दिशा में काम कर रहे हैं और उन्हें पूरा विश्वास है कि समाज महिलाएं पर इसे शर्म नही धर्म मान कर आगे बढ़ रहीं हैं और समाज मे पुरुष भी इसके प्रति महिलाओं को जागरूक कर रहें हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि समाज बदल रहा है लोग मासिक धर्म के प्रति जागरूक हो रहें हैं।



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