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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Fri ,09 Jun 2017 07:06:28 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो यूनाइटेड नेशंस. भारत ने कहा कि हम अपने समुद्री इलाकों को विवादों का अखाड़ा नहीं बनने दे सकते। यूनाइटेड नेशंस में ओशियन कॉन्फ्रेंस की जनरल असेंबली में विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने कहा, "सामुद्रिक इलाकों में लगातार और स्थिर विकास इस बात का सबूत है कि दुनिया के इकोनॉमिक इंजिन (भारत-चीन) 21वीं सदी को नई दिशा में ले जा रहे हैं।" बता दें कि यूएन ने पहली बार इस तरह की ओशियन समिट का आयोजन किया है। ये 5 जून को शुरू हुई थी और शुक्रवार को इसका आखिरी दिन है
एमजे अकबर ने इस मौके पर सामुद्रिक इलाके में नेवल ट्रांस्पोर्ट की फ्रीडम पर जोर दिया। दक्षिणी समुद्र में चीन की लगातार बढ़ती गतिविधियों के बीच उन्होंने कहा कि भारत सामुद्रिक विवादों का शांति के साथ निपटारा चाहता है।
- उन्होंने 21 सदी में भारत और चीन के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि हमें भाईचारे और मेलमिलाप का ऐसा माहौल बनाना चाहिए, जहां सभी को बराबरी से अपनी बात रखने का हक हो।
- अकबर ने कहा, "21वीं सदी को बराबरी और प्रभुता के सिद्धांतों के जरिए आकार दिया जाएगा। जो लोग विवादों में यकीन रखते हैं, उन्हें कोई जगह नहीं मिलेगी।"
सभी देश बराबर हैं- भारत
- अकबर ने कहा, "सामुद्रिक देशों को अक्सर छोटा कहा जाता है। हम छोटे और बड़े में यकीन नहीं रखते हैं। हर देश की अपनी प्रभुता है। क्षमताओं में अंतर भले ही हो सकता है, लेकिन हर राष्ट्र के पास बराबरी के अधिकार हैं।"
- "हम अपने समुद्रों को विवाद का अखाड़ा नहीं बनने दे सकते हैं। साझा विकास और खुशहाली के वक्त में इसके लिए सहयोग की जरूरत है। सुरक्षित और खुले समुद्री रास्ते शांति, स्थिरता, खुशहाली और विकास के लिए जरूरी हैं।"
संभावनाओं और चुनौतियों से वाकिफ है भारत
भारत की 7,500 किलोमीटर के समुद्री तटों और हजारों आईलैंड्स का जिक्र करते हुए अकबर ने कहा, "भारत समुद्र से मिलने वाली संभावनाओं और चुनौतियों से वाकिफ है। स्थायी मछली, प्लास्टिक और गंदगी को रोकने के कदम उठाना, रिनेवेबल एनर्जी, इको-टूरिज्म, अर्ली वॉर्निंग सिस्टम और क्लाइमेट चेंज से हम भलीभांति वाकिफ हैं।"
ज्यादा मछली पकड़ने के बुरे नतीजे प्राकृतिक आवासों के खत्म होने, प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन बढ़ता जा रहा है। इसके लिए लंबे समय से कदम उठाने की बात कही जा रही है। इन हालात में किसी भी एक्शन प्लान के मध्य में मछुआरों को रखा जाना चाहिए।"
सागरमाला प्रोजेक्ट का जिक्र किया
एमजे अकबर ने इस मौके पर सागरमाला प्रोजेक्ट का जिक्र भी किया, जिसके तहत तटीय इलाकों और बंदरगावों का मॉडर्नाइजेशन किया जा रहा है। इसके अलावा कनेक्टिविटी और कोस्टल कम्युनिटी के डेवलपमेंट के लिए अगले दो दशकों में 400 से ज्यादा प्रोजेक्ट लाए जाएंगे।
उन्होंने कहा, "भारत स्मॉल आईलैंड डेवलपिंग स्टेट (SIDS) के लिए 500 मिलियन डॉलर करीब 32.14 अरब रुपए की मदद और एक बिलियन डॉलर 64.29 अरब का सॉफ्ट लोन अगले तीन साल में देगा
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