Breaking News

गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर, पटना में बाढ़ का खतरा बिहार में बाढ़- 4 किमी नांव की डोली बना अपनी दुल्हन लेने पहुंचा लड़का चिराग को छोड़कर गए लोगों का नहीं है कोई जनाधार- कांग्रेस सुशांत मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव का बयान, राजगीर मेंं बनने वाली फिल्म सिटी का नाम हो सुश बिहार में बाढ़ से 22 जिलों की हालत बदहाल, 82 लाख लोग हुए हैं प्रभावित सुशांत सिंह मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, सीबीआई करेगी मामले की जांच नीतीश कुमार ने दिया शिक्षकों को तोहफा, पूरे बिहार में कहीं भी ले सकते हैं तबादला नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की नई सेवा शर्त लागू कर खेला 'मास्टर स्ट्रॉक' MenstrualHygieneDay पर जागरूकता के लिए उठाए जा रहे कदम, पर कम नहीं आलोचनाओं का जोर जद (यू0)- दलित-महादलित प्रकोष्ठ की राज्य कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक गया में युवती से बलात्कार के बाद हत्या नियोजित शिक्षकों ने कहा जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं तो आंदोलन आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका का हड़ताल काफी दुखद- कृष्ण नंदन वर्मा मोतिहारी- २०१९ की चुनाव तैयारी में जुटा जिला प्रशासन रामगढ़- पतरातू डैम परिसर में अवैध पार्किंग टिकट के नाम पे वसूली


बच्चा पैदा होने के बाद शादी- अजीब तरह के रस्मों-रिवाज

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Sun ,12 Feb 2017 08:02:51 pm |


समाचार नाऊ ब्यूरो - दुनिया में अजीब तरह के रस्मों-रिवाज और परंपराए सुनने को मिलती हैं जिनके बारे में जानकर हम कई बार हैरान रह जाते हैं। चाहे जो भी हो लेकिन यह अजीब परंपराएं इंसानों की ही बनाई हुई हैं। आज हम जिस परंपरा की बात कर रहे हैं वो गरासिया  (Garasia Tribe) जनजाति है। जो राजस्थान और गुजरात में रहती है। यहां पर लड़का और लड़की पहले लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं। फिर बच्चा पैदा होने के बाद दोनों की शादी की जाती है। अगर किसी कारण बच्चा पैदा
नहीं होता तो इस संबंध को शादी की मान्यता नहीं मिलती। इसके लिए दोनों को किसी और के साथ दोबारा लिव इन रिलेशनशिप में रहना पड़ता है।

 
आज के मॉडर्न जमाने में भी कुछ लोग लिव इन रिलेशनशिप में रहना पसंद करते हैं लेकिन यहां यह परंपरा सदियो से चली आ रही है। गरासिया नाम की यह जनजाति राजस्थान के उदयपुर, सिरोही और पाली जिले में रहती है। इस रिवाज का फायदा उठाते हुए कुछ लोग ज्यादा बच्चे पैदा करने के चक्कर में वह शादी टालते रहते हैं और कुछ शादियों में तो उनके जवान बच्चे तक शामिल होते हैं। यहां पर कुछ शादियां तो 80-70 साल की उम्र में रह रहे लिव-इन पार्टनर से देखने को मिली है। इन शादियों में उनके पोते तक भी शामिल हुए। 
 

इस जनजाति में लिव इन रिलेशनशिप में रहना के पीछे खास कारण था। इस जनजाति के चार भाई थे। इसमें से 3 ने शादी कर ली और 1 भाई लिव इन रिलेशनशिप में रहमे लगा। जिनकी शादी हुई उनके कोई बच्चा नही हुआ और लिव इन रिलेशनशिप में पहने वाले भाई के बच्चे हो गए। इस कारण ही परंपरा बनी। इस परंपरा को चलते 1 हजार साल हो चुके हैं। यह परम्परा दापा प्रथा कहलाती है।


यहां पर एक मेला लगता है और जिस लड़के को जो लड़की पसंद होती है,वह उसे लेकर भाग जाता है। इस तरह वह दोनो लिव इन रिलेशनशिप में रहना शुरू हो जाते हैं। बच्चा पैदा होने के बाद दोनों की शादी कर दी जाती है।



Related News


जरूरी है पत्रकारों की पूरी सुरक्षा- वरुण गाँधी

PM मोदी का एक दिवसीय बनारस दौरा नमामि गंगे

शराब ने उजाड़ी हजारो की दुनिया

71 वे स्वतंत्रा दिवस पे डॉ क्रांति चन्दन जयकर की देश

न कोई सरोकार, न कोई पॉलिसी फिर भी कहा "अन्नदाता

खुद पति की मौत की खबर पढ़ी इस न्यूज एंकर

मजदूरों और दलितों के मसीहा 'बाबू जगजीवन राम

चंपारण सत्याग्रह को याद करने का समय

हाजीपुर के कुंदन कुमार का भारतीय वन सेवा में देश

क्रिकेट की पिच से लेकर राजनेता तक सिद्धू का सफर

बच्चे देश के हैं लावारिस नहीं- सरकार 20 लाख स्ट्रीट

गुरमेहर के पक्ष में उतरी मां,पाक पर टिप्पणी की बताई

Follow Us :

All rights reserved © 2013-2024 samacharnow.com