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हाजीपुर के कुंदन कुमार का भारतीय वन सेवा में देश में ९व स्थान

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,23 Mar 2017 10:03:06 pm |


हाजीपुर : दृढ़ इच्छा शक्ति, कड़ी मेहनत और सच्ची लगन के साथ अगर मन में मंजिल तक पहुंचने का जज्बा हो तो विषम परिस्थितियों में भी दुर्लभ सफलता पायी जा सकती है. ग्रामीण माहौल में पले-बढ़े छात्रों में भी प्रतिभा की कमी नही है. लेकिन आवश्यकता है उन्हे उचित माहौल देने की और साथ ही अनुभवी शिक्षकों व अभिभावकों के सम्यक मार्गदर्शन की. इन बातों को सही साबित कर दिखाया वैशाली जिले के एक लाल ने. सराय थाना क्षेत्र के शंभोपुर गांव लालकोठी के लाल कुंदन कुमार ने देश की प्रतिष्ठित सेवा भारतीय वन सेवा में अखिल भारतीय स्तर पर 9वीं रैंक हासिल की और भारतीय वन सेवा अधिकारी के पद का गौरव प्राप्त किया. 

पिता हरेन्द्र प्रसाद सिंह पेशे से किसान हैं और मां निर्मला देवी एक कुशल गृहणी हैं. चार बहनों और दो भाइयों में कुंदन सबसे छोटे है. बकौल परिजन उसमें बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा का दर्शन होने लगा था. सबसे पहले उसका चयन छठी कक्षा में नवोदय विद्यालय वफापुर शर्मा में हुआ. उसके बाद उसने दामोदरपुर (सराय) स्थित रामदयालू आदर्श उच्चविद्यालय से वर्ष 2001 में 74 प्रतिशत अंकों के साथ मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की. वर्ष 2003 में धनुषी स्थित रामविदेशी सिंह कॉलेज से 75 प्रतिशत अंकों के साथ इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की. वर्ष 2004 में बीसीइसीइ की परीक्षा पास की और सिंदरी में सिविल इंजीनियरिंग में नामांकन कराया.

वर्ष 2005 में पुन: बीसीइसीइ की परीक्षा में 91वीं रैंक लाकर सिंदरी में ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाइ शुरू की. वर्ष 2009 में कैंपस सेलेक्शन के बाद इंफोसिस टेक्नोलॉजी कंपनी की मैसूर शाखा में अभियंता के पद पर योगदान किया. उसके बाद भी अध्ययन का सिलसिला रूका नहीं और वह लगातार प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित होता रहा. इस क्रम में गेट में 245वां रैंक के साथ आइआइटी दिल्ली से एम टेक, भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर में सहायक वैज्ञानिक, बीएचइएल तथा एनटीपीसी में चयनित होने तक का शानदार सफर तय किया और हरियाणा के झझड़ में एनटीपीसी में सहायक प्रबंधक के पद पर योगदान किया. वहीं से सिविल सेवा की तैयारी का सिलसिला शुरू किया.

वर्ष 2015 में सिविल सेवा में मिली आंशिक सफलता
वर्ष 2015 में यूपीएससी की पीटी परीक्षा में सफलता पायी और आइएफएस की पीटी और मेंस दोनों की परीक्षा में सफल हुआ. इसी बीच अपने भाइ चंदन की शादी में शामिल होने गांव आया. बारात के दिन ही चाचा शिक्षक नरेन्द्र प्रसाद सिंह एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए और चाचा के इलाज को लेकर उसे एक महीने पटना में समय देना पड़ गया. जिसके कारण उसे साक्षात्कार की तैयारी करने का समय नही मिल सका, लेकिन चाचा को उसने मौत के मूंह से बाहर निकाल लिया. उसके बाद निष्ठा के साथ एनटीपीसी में कार्यरत रहकर शेष बचे समय का उपयोग परीक्षा की तैयारी में की और भारतीय वन सेवा में पूरे भारत में 9वां स्थान प्राप्त किया. यूपीएससी 2016 की पीटी और मेंस की परीक्षा पास कर चुका कुंदन 25 मई को होने वाले साक्षात्कार का सामना करने की तैयारी में पूरी निष्ठा के साथ जुटा है.

सफलता का श्रेय और प्राथमिकता
अपनी अब तक की सफलता का श्रेय वह अपने माता-पिता, गुरुजनों, परिजनों एवं गांव वालों को देते हैं. उसने भारतीय वन सेवा में बिहार कैडर का चुनाव किया है. समाज के पिछड़े वर्ग के उत्थान को लेकर कार्य करना उसकी प्राथमिकता सूची में शामिल है. विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की जटिलताओं का सामना कर रहे छात्रों को सतत प्रयास करने,अच्छी पुस्तकों का अध्ययन करने एवं न्यूज पेपर और टीवी पर प्रकाशित व प्रसारित होने वाले डिबेट कार्यक्रमों को देखते रहने की सलाह दी.



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