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50 करोड़ इंटरनेट यूजर्स होंगे 2018 तक
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साभार : इकोनॉमिक टाइम्स | Publish Date:17:58:32 PM / Fri, Mar 13th, 2015 | Updated Date:normal
भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वर्ष 2018 तक यह आंकड़ा 50 करोड़ को पार कर जायेगा. इससे 200 अरब डॉलर की डिजिटल इकोनॉमी खड़ी होने के साथ अनेक नियमों को नये सिरे से गढ़ा जा सकता है. साथ ही देश में कारोबार के तरीकों में आमूल-चूल बदलाव आने की उम्मीद है.
कैसे होगा यह सब, क्या हैं इसकी राह में चुनौतियां, देश के दूरदराज इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने की किस तरह की बन रही है योजना आदि अनेक संबंधित पहलुओं के बारे में जानकारी दे रहा है आज का नॉलेज..
दिल्ली : क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि इंटरनेट के आने से आपकी जिंदगी में कितना बदलाव आया है. जरा सोचिए कि अगर इंटरनेट नहीं होता तो आपकी दुनिया किस तरह की होती. इंटरनेट ने बहुत कम समय में क्रांतिकारी तकनीकी बदलाव ला दिया है. शायद यही वजह है कि इसका विस्तार काफी तेजी से हुआ है.
इसके विस्तार पर यदि आप नजर डालेंगे तो पायेंगे कि भारत में इंटरनेट की शुरुआत के पहले 10 वर्षो में केवल एक करोड़ लोग ही इससे जुड़े थे और उसके अगले एक दशक में इससे 10 करोड़ लोग जुड़ गये. वर्ष 2010 से 2013 के बीच महज तीन वर्षो में अगले 10 करोड़ लोग इससे जुड़े और इस तरह दिसंबर, 2013 तक भारत में इंटरनेट इस्तेमालकर्ताओं की संख्या 30 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी थी.
50 करोड़ की डिजिटल आबादी
गूगल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर राजन आनंदन का कहना है कि भारत में जिस रफ्तार से इंटरनेट इस्तेमालकर्ताओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि वर्ष 2018- 19 तक देश में इनकी संख्या 50 करोड़ के आंकड़े को पार कर जायेगी. देश की यह 50 करोड़ ‘डिजिटल आबादी’ भारत की अर्थव्यवस्था समेत कारोबार का तरीका, गवर्नेस और सामाजिक तौर तरीकों में आमूल-चूल बदलाव ला सकती है.
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) का कहना है कि इंटरनेट के इस ग्रोथ से अर्थव्यवस्था में इंटरनेट संबंधित गतिविधियों की हिस्सेदारी 200 अरब डॉलर तक पहुंच जायेगी. बीसीजी से जुड़े अल्पेश शाह का कहना है कि इससे इ-कॉमर्स के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आयेगा, जो आज से पांच गुना ज्यादा बड़ा होगा. साथ ही इससे शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को भी विस्तार मिलेगा.
स्टार्टअप्स की बढ़ेगी संख्या
मेनग्रोव कैपिटल के पार्टनर माइकल जैक्सर का कहना है कि भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या एक बड़ा बदलाव लायेगी. 50 करोड़ इंटरनेट उपभोक्ताओं वाला देश भारत पूरे यूरोप के बराबर होगा. लेकिन इस दिशा में एक बड़ी चुनौती होगी ब्रॉडबैंड का धीमा होना. हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि इंटरनेट की सुनामी इस समस्या को दरकिनार कर देगी. साथ ही उन्होंने उम्मीद जतायी है कि ऐसा होने से वैश्विक निवेशकों का रुख तेजी से भारत की ओर बढ़ेगा, जिससे देश में स्टार्टअप्स की संख्या बढ़ेगी.
जॉब सेक्टर में तेजी
वैश्विक निवेशकों के आने से जॉब सेक्टर में भी तेजी आयेगी. बीसीजी के अनुमान के मुताबिक, इंटरनेट के कारण देश में अभी चार लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है, जो 2020 तक बढ़ कर 20 करोड़ तक पहुंच जायेगा. डेलॉइट कंसल्टिंग रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की इंटरनेट इकोनॉमी में साढ़े छह करोड़ नये रोजगार पैदा हो सकते हैं.
सामाजिक बदलाव
देश में कनेक्टिविटी बढ़ने से इसका सीधा असर व्यापार पर पड़ेगा और इससे सामाजिक -आर्थिक सूचकों में सुधार होगा. डेलॉइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बदलाव या सुधार को जानने के लिए दो अलग-अलग गांवों का अध्ययन किया, जिसमें एक में बेहतर कनेक्टिविटी है और दूसरे में नहीं है. अध्ययन के निष्कर्ष में पाया गया कि बेहतर कनेक्टिविटी वाले गांव में बाल मृत्यु दर में 14 फीसदी की कमी आयी है.
गवर्नेस में सुधार
इसका सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को गवर्नेस में सुधार के तौर पर दिखेगा. इंटरनेट ट्रांजेक्शन को ट्रैक करने वाली एक वेबसाइट ‘इताल डॉट जीओवी डॉट इन’ के मुताबिक, वर्ष 2013 और 2014 के बीच इ-गवर्नेस ट्रांजेक्शंस की संख्या 50 करोड़ से बढ़ कर 1.7 अरब तक पहुंच गयी है.
बड़ी चुनौती
भारत में ज्यादा इंटरनेट कनेक्टिविटी 2जी के माध्यम से है. देश में तकरीबन 90 फीसदी लोग प्री-पेड मोबाइल सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं. प्रत्येक उपभोक्ता औसतन 150 रुपये का रिचार्ज कराता है. कई लोग तो 50 रुपये तक का ही रिचार्ज कराते हैं. ऐसे में 3जी सेवाएं मुहैया कराना बड़ी चुनौती है. हालांकि, इस मामले में एक बड़ी उपलब्धि यह भी देखने में आयी है. ‘ओजोन’ के अनुसार, पिछले साल जहां प्रत्येक उपभोक्ता इंटरनेट का इस्तेमाल रोजाना औसतन 10 मिनट करता था, वहीं अब 45 मिनट तक करता है.
एक रुपये में फेसबुक
भारतीय इंटरनेट उपभोक्ताओं पर फेसबुक की भी नजर है. फेसबुक इंडिया से जुड़े केविन डीसूजा का कहना है कि भारत में हम 12 भाषाओं में फेसबुक मुहैया कराने की तैयारी में हैं. यह भारत के एक बड़े हिस्से को कवर करेगा. भारत में करीब 40 करोड़ हिंदीभाषी हैं. साथ ही हम फेसबुक का इस्तेमाल और भी आसान बना रहे हैं और हमारी कोशिश है कि एक रुपये रोजाना के भुगतान पर लोगों को इसकी सेवा मुहैया करायी जा सके.
फिलहाल भारत में फेसबुक के करीब 11 करोड़ यूजर्स हैं. उम्मीद की जा रही है कि गैर-अंगरेजी भाषा यानी भारतीय भाषाओं में फेसबुक आने की स्थिति में इसके ग्राहकों की संख्या और बढ़ेगी.
साभार : इकोनॉमिक टाइम्स
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