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बिहार में रुकी रेल योजना की रफ़्तार
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समाचार नाउ ब्यूरो | Publish Date:13:02:28 PM / Fri, Mar 6th, 2015 | Updated Date:normal
मोदी देश को विकास की डगर पर सरपट दौडाने का दंभ भर रहे हैं और जहां कहीं भी मौका मिलता है कांग्रेस के सालों के हिसाब को गिनवाने में भी नहंी चूकते लेकिन मोदी के सामने ही बिहार के 60 सालों में रेल योजनाअें के लिए मिलने वाले पैस में 60 हजार करोड का बकाया है जो नहंी मिल रहा और अब वे योजनाएं बिहार के लिए बस यादों में ही रह गयी हैं..बिहार की बात आते ही दिल्ली सियासत करने वाली सरकारें इसी तरह के जुमले को अमल मे ंलाने लगती है... बिहार के विकास को लेकर योजनाएं बनती है योजनाअें को बजट के तहत भी लिया जाता है लेकिन अगर कुछ नहंी जाता है तो सियासी समीकरण में गुणा भग कर उसे पूरा करने का पैसा.... बिहार में रेलवे की 60 हजार करोड की रेल परियोजनएं लंबित है लेकिन विकास की बात करने वाली मोदी सरकार के मंत्री इसमें भी सियासत का रास्ता निकाल ही लेते हैं... बिहार आज भी रेल योजनओं को लेकर केन्द्र की निगेहबानी की राह ताक रहा है कि कब केन्द्र की नजरे इनायत इन रेल योजनाओं पर पडे और काम को तेज गति मिल सके..... उत्तर बिहार को जोडने वाला रेल पुल दीघा में बन रहा है और वह 2009 में ही पूरा होना था लेकिन आज भी पैसे की कमी के कारण बन नहीं सकता लेकिन राजनेता हैं कि सियासत से बाज नहीं आते..... बिहार में किस योजना के लिए कितने पैसे की जरूरत है एक नजर में देख लेते है ये सभी योजनाएं पैसे के अभाव में रूकी पडी हुई हैं
रेल खंड दूरी किमी धन चाहिए
आरा- भभुआ 122 487 करोड 58 लाख
अररिया- सुपौल 92 302 करोड 12 लाख
डेहरी- बंजारी 36.4 100 करोड 49 लाख
गया- डाल्टेनगंज 136.88 442 करोड 21 लाख
गया- चतरा-’ नटेसर --- 531 करोड 05 लाख
नवादा- लक्ष्मीपुर 137 618 कारोड 07 लाख
कुरसैला- बिहारी गंज 35 190 कारोड 07 लाख
मुजफफरपुर- दरभंगा 66.09 274 कारोड 71 लाख
राजगीर- तिलैया- इस्लामपुर 67 72 कारोड 19 लाख
दरभंगा- कुशेश्वरस्थान 70.14 182 कारोड 23 लाख
बिहटा औरंगाबाद 118.45 322 कारोड 43 लाख
सीतामढी- निर्मली 188 558 करोड 52 लाख
वीओ- बिहार झारखंड के लिए पास की गयी एैसी भी परियोजनांए हैं जो पैसे के अभाव में रूकी पडी हुई हैं जो परियोजनांए बिहार को मिली उनका कितना पैसा बकाया है एक नजर में देख लेते है...
परियोजना का नाम पैसा बाकी जो केन्द्र से मिलना है
मघेपुरा रेल इंजन कारखाना 1653.92 करोड
छपरा रेल पहिया कारखाना 136.81 करोड
सोनपुर डीजल युनिट 4.63 करोड
समस्तीपुर माल डिब्बा कारखाना 7.31 करोड
सोनपुर माल डिब्बा 74.81 करोड
मढौरा डीजल युनिट 2488.34 करोड
डालमिया नगर युनिट 49.61 करोड
बरौनी शेड 65.64 करोड
वीओ- बिहार झारखंड को मिली यह सभी वैसी योजनाएं हैं जो बिहारी रेल मंत्री के समय बिहार के झाली में आई थी... बिहार अपने लिए फिर से कसमासा रहा है और बिहार की सियासत बिहार को विशेष की कैटेगरी में रखने के लिए राजनीतिक रणनीति बना रहा है और बिहार में चल रही जदयू की सरकार और फिर से गददी पर बैठे नीतीश इसे राजनीतिक मुददा भी बना रही है... देश एक बार फिर से रेल सुबिधा और रेल में यात्रा करने वालों को लिए कुछ न कुछ कहेगा और इसे लिखेगा भी लेकिन जबतक बिहार झारखंड की इन योजनओ को अमली जामा पहनाने के लिए संकल्पिम मन से अमल में लाने की कार्ययोजना नहंी तेयार होगी तब बस वादेा के ही रेल योजनाओ का विकास इन दोनो सूबे को नसीब होगा
प्रीता दूबे- समाचार सम्पादक समाचार नाउ
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