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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:14:59:53 PM / Thu, Jun 30th, 2016 |
PATNA 30 JUNE 15। हमारे देश के धार्मिक स्थलों के साथ कोई न कोई कथा जरूर जुड़ी है और यही वजह है कि ये धर्मस्थल लाखों लोगों के आस्थास्थल बने हुए हैं। प्राचीन मंदिरों के साथ एेतिहासिक और पौराणिक तथ्य जुड़े हैं।
यहां हम बता रहे हैं भारत के उन मंदिरों के बारे में तंत्र साधना के लिए जाने जाते हैं। इन मंदिरों में साधक तंत्रसिद्धि के लिए पूजा-अनुष्ठान करते हैं, वहीं श्रद्धालु अपनी पीड़ाओं के निवारण की उम्मीद लेकर आते हैं।
इन्ही में कुछ मंदिर तो एेसे भी हैं जहां भूत-प्रेत व ऊपरी बाधाओं की चपेट में आए लोगों उनकी समस्याओं ने छुटकारा मिल जाता है। आइए जानते हैं देश के एेसे अनूठे और चमत्कारी देवस्थानों के बारे में।
कालीघाट, कोलकाता
देवी सती की जहां अंगुलिया गिरी थीं, वह स्थान कोलकाता का कालीघाट है। तंत्र साधना के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। तांत्रिकों के लिए प्रमुख तीर्थ है। वे मां काली को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के तांत्रिक अनुष्ठान करते हैं।
वेताल मंदिर, ओडिशा
भूवनेश्वर में स्थित यह मंदिर 8वीं सदी का बना हुए है। यहां मां चामुण्डा की आकर्षक प्रतिमा स्थापित है। देवी चामुण्डा मां काली का ही एक रूप है। यह मंदिर भी तांत्रिक क्रियाओं के प्रमुख स्थलों में आता है। पूरे वर्ष तांत्रिक अनुष्ठान जारी रहते हैं।
बैजनाथ मंदिर, हिमाचल प्रदेश
इस मंदिर में शिव भगवान का प्रसिद्ध वैद्यनाथ लिंग है। बैजनाथ मंदिर अपनी तांत्रिक क्रियाओं और यहां का पानी पाचन क्रिया के लिए अमृत समान है। भोलेनाथ के अनेक भक्त तंत्र साधना से भगवान शिव को प्रसन्न कर अपनी बाधाओं व पीड़ाओं से छुटकारा पाते हैं।
एकलिंग मंदिर, राजस्थान
भगवान शिव को समर्पित एकलिंग मंदिर उदयपुर के पास है। यह मंदिर सदियों पुराना है और देखने बहुत ही अनोखा लगता है। यहां भोलेनाथ की एक अनोखी और बेहद खूबसूरत चौमुखी प्रतिमा है जो काले संगमरमर से बनी है।
कामाख्या मंदिर, असम
असम का कामाख्या मंदिर तांत्रिक गतिविधियों का गढ़ माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस जगह पर देवी सती का योनि भाग गिरा था। पौराणिक काल से यह मंदिर मां दुर्गा के तंत्र साधकों के लिए यह प्रमुख स्थान रहा है।
ज्वालामाता मंदिर, हिमाचल प्रदेश
यह मंदिर अपने चमत्कार के साथ यहां होने वाली तांत्रिक क्रियाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां एक कुण्ड है, जो देखने पर उबलता दिखाई देता है लेकिन छूने पर पानी ठंडा रहता है।
खजुराहो मंदिर, मध्य प्रदेश
खजुराहो मंदिर कलात्मक रचना और कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि खजुराहो तांत्रिक गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान भी है।
काल भैरव मंदिर, मध्य प्रदेश
इस मंदिर में भैरवनाथ की श्यामवर्णी प्रतिमा है। तांत्रिक क्रियाओं के लिए ये मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। देशभर से तांत्रिक और अघोरी सिद्धियां प्राप्ति के लिए यहां आते हैं।
मेहन्दीपुर बालाजी मंदिर, राजस्थान
राजस्थान के दौसा जिले में स्थित रामभक्त हनुमानजी का यह मंदिर ऊपरी बाधाओं से पीडि़त लोगों को परेशानी से निजात दिलाने के लिए प्रसिद्ध रहा है। भूत-प्रेत की बाधाओं से परेशान लोगों को यहा राहत मिलती है। प्रेतराज के दरबार में भूतप्रेतों की परेशानी का फैसला होता है। इसके तहत तंत्र क्रियाएं की जाती है। दूर-दूर से लोग यहां ऊपरी बाधाओं से मुक्ति के लिए आते हैं।
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