Breaking News

गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर, पटना में बाढ़ का खतरा बिहार में बाढ़- 4 किमी नांव की डोली बना अपनी दुल्हन लेने पहुंचा लड़का चिराग को छोड़कर गए लोगों का नहीं है कोई जनाधार- कांग्रेस सुशांत मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव का बयान, राजगीर मेंं बनने वाली फिल्म सिटी का नाम हो सुश बिहार में बाढ़ से 22 जिलों की हालत बदहाल, 82 लाख लोग हुए हैं प्रभावित सुशांत सिंह मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, सीबीआई करेगी मामले की जांच नीतीश कुमार ने दिया शिक्षकों को तोहफा, पूरे बिहार में कहीं भी ले सकते हैं तबादला नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की नई सेवा शर्त लागू कर खेला 'मास्टर स्ट्रॉक' MenstrualHygieneDay पर जागरूकता के लिए उठाए जा रहे कदम, पर कम नहीं आलोचनाओं का जोर जद (यू0)- दलित-महादलित प्रकोष्ठ की राज्य कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक गया में युवती से बलात्कार के बाद हत्या नियोजित शिक्षकों ने कहा जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं तो आंदोलन आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका का हड़ताल काफी दुखद- कृष्ण नंदन वर्मा मोतिहारी- २०१९ की चुनाव तैयारी में जुटा जिला प्रशासन रामगढ़- पतरातू डैम परिसर में अवैध पार्किंग टिकट के नाम पे वसूली


भारत निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने में नागरिकों को सक्षम बनाने के लिए मोबाइल ऐप “सीविजिल” लांच किया

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Mon ,09 Jul 2018 08:07:04 am |


मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओ.पी. रावत, निर्वाचन आयुक्त – श्री सुनील अरोड़ा तथा श्री अशोक लवासा के साथ “सीविजिल” ऐप लांच  करते हुए। वरिष्ठ उप-निर्वाचन आयुक्त श्री उमेश सिन्हा तथा उप-निर्वाचन आयुक्त श्री संदीप सक्सेना भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

समाचार नाऊ ब्यूरो - “सीविजिल” ऐप यूजर्स सहज और एन्ड्रायड एप्लीकेशन संचालन में आसान है। यह ऐप उन्हीं स्थानों पर चालू होगा, जहां चुनाव की घोषणा की गई है। लेकिन, ऐप का बीटा वर्जन लोगों तथा चुनाव कर्मियों के लिए उपलब्ध होगा, ताकि ये लोग इसकी विशेषताओं से परिचित हो सकें और डमी डाटा भेजने का प्रयास कर सकें। परीक्षण के सफलतापूर्वक पूरा होने पर इसे सार्वजनिक रूप से लोगों द्वारा इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। यह उपलब्धता छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम तथा राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव से ही होगी। चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान ऐप का व्यावहारिक उपयोग अगले लोकसभा चुनाव के दौरान व्यापक रूप से करने से पहले पायलट प्रयास के रूप में काम करेगा।

     ऐप के लिए कैमरा, इंटरनेट कनेक्शन तथा जीपीएस लैस एन्ड्रायड स्मार्ट फोन जरूरी है। संचालन प्रणाली एन्ड्रायड जेलीबिन तथा उससे ऊपर की होनी चाहिए। एप्लीकेशन सभी नवीनतम एन्ड्रायड स्मार्ट फोनों के साथ कार्य करता है।

     “सीविजिल” चुनाव वाले राज्यों में किसी भी व्यक्ति को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है। यह अनुमति निर्वाचन घोषणा की तिथि से प्रभावी होती है और मतदान की एक दिन बाद तक बनी रहती है। नागरिक इस ऐप का इस्तेमाल करके कदाचार की घटना देखने के मिनट भर में घटना की रिपोर्ट कर सकते हैं और नागरिकों को शिकायत दर्ज कराने के लिए पीठासीन अधिकारी के कार्यालय की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।

जागरूक नागरिक को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दृश्य वाली केवल एक तस्वीर क्लिक करनी है या अधिक से अधिक दो मिनट की अवधि की वीडियो रिकॉर्ड करनी है। स्वचालित स्थान मानचित्रण का कार्य ऐप द्वारा भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग से किया जाएगा। ऐप के माध्यम से सफलतापूर्वक प्रस्तुति के बाद जागरूक नागरिक को एक यूनिक आईडी प्राप्त होता है, ताकि वह अपने मोबाइल पर आगे की कार्रवाई को जान सके और सूचना प्राप्त कर सके। इस तरह एक नागरिक उल्लंघन की अनेक रिपोर्ट कर सकते हैं और प्रत्येक रिपोर्ट के लिए उन्हें यूनिक आईडी दिया जाएगा। शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

शिकायत दर्ज होने के बाद सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को प्राप्त होती है, जहां से इसे फील्ड इकाई को सौंपा जाता है। एक फील्ड इकाई में फ्लाइंग स्क्वायड स्टैटिक निगरानी दल, आरक्षित दल होते हैं। प्रत्येक फील्ड इकाई के पास एक जीआईएस आधारित मोबाइल एप्लीकेशन होगा, जिसे “सीविजिल डिस्पैचर” कहा जाता है। यह मोबाइल एप्लीकेशन इकाई को स्थान पर सीधे पहुंचने और कार्रवाई करने की अनुमति देता है।

फील्ड इकाई द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद यह “कार्रवाई रिपोर्ट” के रूप में संदेश भेजता है और प्रासंगिक दस्तावेज “सीविजिल डिस्पैचर” के माध्यम से संबंधित पीठासीन अधिकारी को उनके निर्णय और निष्पादन के लिए अपलोड करता है। यदि कदाचार की घटना सही पाई जाती है तो आगे की कार्रवाई के लिए सूचना भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल को भेजी जाती है और जागरूक नागरिक को 100 मिनट के अंदर की गई कार्रवाई की सूचना दी जाती है।

इस ऐप में दुरुपयोग रोकने की अंतरनिहित विशेषताएं हैं। यह ऐप केवल आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के बारे में शिकायत प्राप्त करता है। तस्वीर लेने या वीडियो बनाने के बाद यूजर्स को रिपोर्ट करने के लिए पांच मिनट का समय मिलेगा। किसी तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए ऐप पहले से रिपोर्ट किए गए या पहले ली गई तस्वीरों या वीडियो अपलोड करने की अनुमति नहीं देगा। इस ऐप में “सीविजिल” ऐप का इस्तेमाल करते हुए फोटो और रिकॉर्डेड वीडियो को फोटो गैलरी में सेव करने की सुविधा नहीं होगी। यह ऐप चुनाव वाले राज्यों से नागरिक के बाहर निकलते ही निष्क्रिय हो जाएगा।

अभी तक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर फौरी कार्रवाई नहीं की जा सकी है, जिसके कारण उल्लंघनकर्ता कार्रवाई से बच जाते हैं। शिकायत के सत्यापन में तस्वीर या वीडियो के रूप में दस्तावेजी साक्ष्य की कमी भी बाधा थी। मजबूत अनुक्रिया प्रणाली के आभाव में घटना स्थल की त्वरित और सटीक पहचान भौगोलिक स्थान विवरण की सहायता से नहीं की जा सकती थी। नया ऐप इन सभी खाईयों को पाटेगा और फास्ट-ट्रैक शिकायत प्राप्ति और समाधान प्रणाली बनाएगा



Related News


गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर, पटना में बाढ़

चिराग को छोड़कर गए लोगों का नहीं है कोई जनाधार-

गया में युवती से बलात्कार के बाद हत्या

15 जनवरी तक प्रदेश का एक शख्स राशन कार्ड

गरीबों और कमजोरों के लिए अपनी आवाज़ दृढ़ता के साथ

युवाओं में ‘देश सर्वप्रथम’ का भाव उत्पन्न करें छात्र संगठन

कोयले की कोई कमी नहीं है-पीयूष गोयल

प्रधानमंत्री का उत्तर प्रदेश में वाराणसी और गाजीपुर दौरा

प्रधानमंत्री अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की यात्रा पर

आतंकवादी मसूद  अज़हर के सर कलम करने वाले को

वायु सेना प्रमुख ने एक्स कोप इंडिया-18 का दौरा किया

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय बच्चों के आश्रय स्थलों के

Follow Us :

All rights reserved © 2013-2025 samacharnow.com