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By समाचार नाउ ब्यूरो | Publish Date: Sun ,30 Dec 2018 07:12:55 pm |
समाचार नाउ ब्यूरो- कोयला आपूर्ति के संबंध में गोयल ने कहा कि राज्य में कोयले की कोई कमी नहीं है। गोयल ने इस ओर इशारा किया कि कर्नाटक में संयंत्रों के पास वर्तमान में कोयला का औसतन 5 दिन का स्टॉक मौजूद है। यह 2.24 लाख टन कोयले के बराबर है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (केपीसीएल) ने इस वर्ष अक्टूबर, 2018 तक ऊर्जा आदान-प्रदान में 584.91 एमयू विद्युत की बिक्री की है। इस बिक्री में 3.8 लाख टन कोयले की खपत हुई है अन्यथा, इसे राज्य के विद्यु संयंत्रों में कोयले का स्टॉक बढ़ाने में प्रयोग किया जा सकता था।
श्री गोयल ने सुझाव दिया कि विद्युत संयंत्र सुचारू और बिना किसी बाधा के काम करें इसके लिए यह बेहतर है कि वे अपने पास कम से कम 20 दिन का कोयले का स्टॉक रखें। आगामी फरवरी/मार्च में बिजली की मांग में बढोत्तरी होने के अनुमान के बारे में उन्होंने कहा विद्युत संयंत्रों को उचित माल प्रबंधन करना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि विद्युत आदान-प्रदान में लेनदेन सस्ती बिजली का लाभ लेने के लिए किया जाना चाहिए ताकि थर्मल पावर संयंत्रों में कोयले का बेहतर स्टॉक सुनिश्चित किया जा सके। इससे फरवरी/मार्च में जब अधिक मांग के कारण विद्युत मूल्य ऊंचे होने की उम्मीद होती है उस समय विद्युत की खरीदारी करने से बचा जा सकेगा।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अप्रैल से नवंबर, 2018 तक आंकड़े यह दर्शाते हैं कि कर्नाटक की 11185 मेगावाट की सबसे अधिक विद्युत मांग को पूरा किया गया है। राज्य की कुल विद्युत मांग 45277 मेगावाट है, जिसकी 99.9 प्रतिशत आपूर्ति की गई है और कोई अधिसूचित विद्युत कटौती नहीं हुई है। यह सब सीआईएल और एसईसीएल द्वारा कोयले की लगातार और समयबद्ध आपूर्ति के कारण संभव हुआ
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