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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Tue ,05 Jun 2018 05:06:28 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया है ताकि विभाग पीड़ित मुआवजा योजना/कोष में यौन अपराध के शिकार लड़कों को शामिल करने के आवश्यक कदम उठा सकें। पत्र में यह अनुरोध भी किया गया है कि अंतरिम मुआवजा सहित मुआवजा समय पर पीड़ित को दिया जा सकता है।
महिला और बाल विकास मंत्री ने कहा कि पोक्सो अधिनियम लैंगिंग रूप से तटस्थ है और यह केवल बालिकाओं की हितों की रक्षा ही नहीं करता बल्कि बालकों के हितों की भी रक्षा करता है। पत्र में बताया गया है कि यद्यपि एनसीपीसीआर आंकड़े के अनुसार 31 राज्य सरकारों ने पोक्सो नियम 2012 के नियम 7 के अंतर्गत पीड़ित मुआवजा योजना को अधिसूचित कर दिया है लेकिन मुआवजा का वितरण में एकरूपता नहीं है और संतोषप्रद नहीं है।
महिला और बाल विकास मंत्री ने ध्यान दिलाया कि कुछ राज्यों में यौन अपराध के शिकार बच्चों को अंतरिम मुआवजा नहीं दिया जा रहा है ताकि बच्चों की चिकित्सा तथा अन्य आवश्यकताएं पूरी की जा सकें। पत्र में इस बात पर बल दिया गया है कि बाल यौन अपराध में बालक सबसे अधिक उपेक्षित पीड़ित होता है। मुआवजा देने में इस बात की अनदेखी की जा रही है और मुआवजा योजना में बालकों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
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