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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Fri ,04 Aug 2017 07:08:15 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो रांची: चारा घोटाले से जुड़े आरसी 68ए/96 मामले में गुरुवार को लालू प्रसाद की अोर से बचाव पक्ष की गवाही दर्ज की गयी. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसएस प्रसाद की अदालत में गवाही देते हुए बिहार के डीजी सुनील कुमार ने कहा कि उन्हें जुलाई 1997 में लालू प्रसाद की गिरफ्तारी के लिए सीबीआइ की अोर से वारंट नहीं मिला था. पर देर रात डीजीपी से लालू प्रसाद के खिलाफ वारंट निकलने की बात पता चली थी. जानकारी मिलने के बाद मैं रात में मुख्यमंत्री आवास गया था.
वहां पर जिला पुलिस बल तथा रैपिड एक्शन फोर्स के अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गयी थी. उस समय वहां पर बड़ी संख्या में लोग जमा थे अौर नारेबाजी कर रहे थे. पुलिस ने मुख्यमंत्री आवास में सीबीआइ के लोगों को सुरक्षा प्रदान किया था. हालांकि देर रात गिरफ्तारी को लेकर कोर्ट से स्थगन आदेश आ गया था. बाद में लालू प्रसाद ने सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में सरेंडर किया था.
दूसरे गवाह बिहार के सेवानिवृत्त मुख्य सचिव मुकुंद प्रसाद ने बिहार के आइएएस, आइपीएस अौर अन्य पदाधिकारियों के सेवाविस्तार से संबंधित जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अधिकारियों-पदाधिकारियों का सेवा विस्तार बिहार सर्विस कोड के तहत होता है. इससे पूर्व सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में आरसी 64ए/96 मामले में मुकुंद प्रसाद की गवाही दर्ज हुई. दूसरे गवाह सुनील कुमार की गवाही नहीं हुई. उनकी गवाही के लिए 10 अगस्त की तिथि निर्धारित है. इसके अलावा लालू प्रसाद ने आरसी 47ए/96 अौर आरसी 38 ए/96 मामले में भी कोर्ट में अपनी हाजिरी दर्ज करायी.
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