Breaking News
By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Fri ,28 Jul 2017 04:07:39 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - "न खेलब, न खेले देब, खेलवे भंडोल देब।" बिहार की इस प्रचलित कहावत को आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नये मायने दे दिए, सीएम पद से इस्तीफा देकर। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि नीतीश ने इस्तीफा दिया क्यों? बात तो उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे या बर्खास्तगी की हो रही थी। तो इस पेंच को समझने के लिए नीतीश के व्यक्तित्त्व को समझना जरूरी है। नीतीश के पास सबसे बड़ी पूंजी है उनकी साफ और ईमानदार छवि। और इससे वे किसी सूरत में समझौता नहीं कर सकते। राजनीतिक मजबूरियों में फंसकर उन्होंने लालू यादव से हाथ तो मिला लिया लेकिन कभी भी उन्होंने खुद को सहज स्थिति में नहीं पाया।
दो साल पहले गाजे बाजे के साथ बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी थी। वह भी बीजेपी और मोदी लहर को चारो खाने चित्त करके। प्रचंड बहुमत में आरजेडी को ज्यादा सीटें होते हुए भी लालू जी ने वायदे के मुताबिक नीतीश कुमार को सीएम बनवाया और बदले में अपने दोनों अनुभवहीन बेटों को मलाईदार पद दिलवा दिए। लेकिन शुरू से ही इस बेमेल गठबंधन को लेकर एक असहज स्थिति कायम रही। अनेक अवसरों पर नीतीश कुमार की कसमसाहट महसूस की गयी लेकिन दोष दें किसे। यह कांटेदार रास्ता उन्होंने खुद ही चुना था। बीजेपी के साथ बिताए गये हसीन पल याद तो आ रहे थे लेकिन बिना किसी कारण के गठबंधन तोड़ा भी नहीं जा सकता था। फिर भी पिछले एक साल में जहां लालू नीतीश के बीच की दूरियां लगातार बढ़ती गयीं वहीं नरेन्द्र मोदी के साथ नीतीश कुमार की ट्यूनिंग पटरी पर आती गयी। अब सवाल एक ही था कि पाला कैसे बदला जाए। भाई जनादेश तो लालू नीतीश के गठबंधन को मिला था। उसी धक्के में कांग्रेस ने भी छाली काट लिया। लेकिन इतने बड़े बहुमत से बनी सरकार और इसके मुखिया नीतीश कुमार से लोगों को जैसी उम्मीद थी, सरकार में वैसी कोई चमक दिख नहीं रही थी और जनता ने दो साल में ही इस गलत फैसले का अंजाम देख लिया। साफ दिखने लगा कि बिहार में नीतीश जी ने विकास की जो बयार बीजेपी के साथ मिलकर बहाई थी वो राजद के साथ जाते ही थम ही नहीं गयी दूषित भी हो गयी। मतलब ये कि जबतक सही साथी से गठजोड़ न हो नीतीश कुमार की खुद की छवि बेमानी है। तो बिहार में लालू नीतीश के बीच इस बेमेल शादी को तुड़वाने की कवायद शुरू हुई।बीजेपी जोर शोर से लोगों के बीच यह प्रचारित करने में लगी रही कि विकास की कुंजी उसके पास है। और साथ ही बीजेपी ने लालू यादव और उनके परिवार के भ्रष्टाचार की पोल पट्टी खोलनी शुरू कर दी। उधर केन्द्रीय एजेंसियों ने भी लालू कुनबे पर धावा बोल दिया। एक साथ सीबीआई, आयकर और ईडी सक्रिय हो गये और वर्षों से दबे लालू के भ्रष्टाचार, आय से अधिक और हजारों करोड़ की बेनामी संपत्तियों के मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाईयां होने लगी। उपमुख्यमंत्री बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हो गया, दूसरे बेटे का निर्माणाधीन मॉल और पेट्रोल पंप सीज हो गये। और लीजिए, हो गयी जमीन तैयार नीतीश के सामने गठबंधन से नाता तोड़ लेने के लिए। अब नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के मामले में शुरू से Zero Tolerance की नीति के पक्षधर रहे हैं, तो ऐसे भ्रष्ट परिवार के साथ सरकार चलाने का सवाल ही नहीं उठता। तो लो भईया, मिला ली है ताल, दबा लेगा दांतो तले उंगलियां, ये जहां देखकर अपनी चाल, गाते हुए नीतीश कुमार ने बीजेपी की ओर देखकर मिले सुर मेरा तुम्हारा का तराना छेड़ दिया है। पीएम मोदी ने भी बिना देर किए ट्विट मारकर इशारा कर दिया कि
"लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो, शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो, हमको मिली हैं आज, ये घड़ियाँ नसीब से जी भर के देख लीजिये हमको क़रीब से, फिर आपके नसीब में ये बात हो न हो, फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो, पास आइये कि हम नहीं आएंगे बार-बार बाहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार आँखों से फिर ये प्यार कि बरसात हो न हो शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो।"
अब नीतीश जी ने तो पद से इस्तीफा देकर लालू जी के पैरों के नीचे से कालीन खींच दी है। लालू जी भी जानते हैं कि दूसरी तरफ शामियाना तन चुका है, बस वरमाला की देर है। कहने को सदन में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है और चाहे तो सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है, लेकिन नंबर गेम में इसकी कोई संभावना बनती नहीं है। यदि सरकार बन सकती है तो सिर्फ जेडीयू की। चाहे बीजेपी के साथ बने या आरजेडी के साथ। लालू जी ने महागठबंधन को बचाने के लिए माइनस नीतीश, माइनस तेजस्वी, किसी तीसरे नेता के नेतृत्त्व में सरकार गठन का नया फार्मुला तो दिया है लेकिन यह चलता दिख नहीं रहा। तो एक ही विकल्प बचता है, फिर से नीतीश की सरकार, बीजेपी के साथ। क्योंकि इस माहौल में कोई भी मध्यावधि चुनाव के पक्ष में नहीं दिख रहा
राकेश मिश्रा की कलम से
लेखक एक अभियंता है
All rights reserved © 2013-2025 samacharnow.com
Developed by Mania Group Of Technology.