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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Wed ,19 Apr 2017 05:04:13 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वीवीआईपी कल्चर पर बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय कैबिनेट ने फैसला लिया है कि देश में 1 मइें के बाद से कोई भी व्यक्ति अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकता है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि देश में कोई भी व्यक्ति 1 मई से देश में लाल बत्ती वाले वाहन का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा, इसके लिए कोई अपवाद भी नहीं है. जेटली ने कहा, नीली बत्ती को लेकर राज्य सरकार फैसला लेती है, लेकिन इस नियम को भी बदला जा रहा. उन्होंने बताया कि ऐंबुलेंस, फायर ब्रिगेड जैसी इमरजेंसी वीइकल्स के लिए नीली बत्ती होगी. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री और सभी मंत्रियों की कारों से लाल बत्ती हटायी जाएगी. गडकरी ने कहा कि वीआईपी संस्कृति समाप्त होगी, एक मई से लाल-बत्ती की अनुमति केवल आपात सेवा वाली गाडियों के लिये ही होगी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आने वाले चुनाव में उपयोग के लिए पेपर ट्रेल मशीनों की खरीद के चुनाव आयोग के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी. यह निर्णय ऐसे समय में किया गया है जब विपक्षी दलों की ओर से आने वाले सभी चुनाव में ईवीएम के साथ पेपर ट्रेल मशीन के उपयोग की मांग तेज हो रही है ताकि इस बारे में संदेह को दूर किया जा सके.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्ष में हुई कैबिनेट की बैठक में संक्षिप्त चर्चा के बाद वीवीपीएटी यूनिटों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की. चुनाव आयोग ने देश के सभी मतदान केंद्रों के लिए 16 लाख से अधिक पेपर ट्रेल मशीनों की खरीद के लिए 3,174 करोड़ रुपये मांगे हैं. कैबिनेट ने नये इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों की खरीद के लिए अब तक दो किस्तों में 1,009 करोड़ रुपये और 9,200 करोड़ रुपये को मंजूरी प्रदान कर चुकी है.
जून 2014 के बाद से आयोग ने सरकार को वीवीपीएटी मशीनों की खरीद के लिए कोष जारी करने के संबंध में कम से कम 11 बार याद दिलाया है. पिछले वर्ष चुनाव आयुक्त एस एन ए जैदी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस ओर दिलाया था.
उच्चतम न्यायालय ने आयोग को यह बताने को कहा था कि वह कब तक सभी मतदान केंद्रों में वीवीपीएटी मशीनों का उपयोग कर सकती है. आयोग ने कहा है कि दो पीएसयू ईसीआईएल और बीईएल को 16 लाख वीवीपीएटी के निर्माण के लिए 30 महीने के समय चाहिए. 16 राजनीतिक दलों ने हाल ही में चुनाव आयोग के समक्ष अपने ज्ञापन में वृहद पारदर्शिता के लिए पेपर बैलेट प्रणाली लागू करने को कहा था. बीएसपी, आप, कांग्रेस ने ईवीएम में कथित छेड़छाड़ के मुद्दे पर चुनाव आयोग पर निशाना साधा था
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