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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Wed ,12 Apr 2017 08:04:42 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो :बिहार का चंपारण ही वह स्थान है जिसने गाँधी को महात्मा बनाया, एक पराधीन राष्ट्र को उसका सबसे बड़ा नायक दिया, गाँधी जी को देश की वास्तविकता से परिचय करवाया और यह आभास भी करवाया कि अगर देश को स्वतंत्र होना है तो सबसे निचले पायदान पर बैठे व्यक्ति का स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बनना सबसे अधिक आवश्यक है। अगर गाँधी जी के दक्षिण अफ्रीका के संघर्ष ने उन्हें एक नायक बनाया था तो चंपारण ने पूरे विश्व के मानव इतिहास का सबसे बड़ा जननायक, आधुनिक विश्व का सबसे बड़ा, सत्य और अहिंसा का पुजारी, सबसे बड़ा सत्याग्रही बना दिया दिया। ये विचार उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने चम्पारन सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के अंतरगत पटना के ज्ञान भवन मे शिक्छा विभाग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय विमर्श समारोह के समापन समारोह मे अपने स्वागत भाषण मे व्यक्त की !
चंपारण शताब्दी सिर्फ़ बिहार का नहीं, सिर्फ़ भारत देश का ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व का एक मानव पर्व है, महोत्सव है, क्योंकि गाँधी जी जैसे युगपुरुष सारी मानवजाति को एक अद्भुत जीवन दर्शन से परिचय करवॉते है।
गाँधी जी के चंपारण संघर्ष की .शताब्दी पूरा देश मनाएगा। कुछ मनाएँगे, कुछ ना चाहते हुए भी मनाने का ढोंग करेंगे। जीवन भर गाँधी जी को कोसने वाले, इंसान को इंसान ना समझने वाले वाली दक्षिणपंथी विचारधारा के लोग और गाँधी जी के हत्यारे गोडसे को पूजने वाले भी इसे मना रहे है।
हम गाँधी जी के नश्वर शरीर को तो ?दक्षिणपंथी धारा के हाथों खो चुके हैं, पर उन्हें गाँधी की मानवतावादी विचारधारा को देश से समाप्त नहीं होने देंगे।भले ही गांधी दैहिक रूप से हमारे बीच नहीं है, लेकिन हमारे विचारों में समाहित हैं।हमारे अंग-संग है।
दक्षिणपंथी 85% बहुसंख्यको को इंसान भी नहीं समझते। गाँधी जी की प्रतिमा पर ये माल्यार्पण करते हैं किंतु अपने अनुयायियों से विभिन्न मंचों पर चरित्रहनन करवाते हैं।
देश की कमियों का दोषी गाँधी जी को ठहराते हैं, धर्म विशेष राष्ट्र की बात कर गाँधी जी की मानवतावादी विचारधारा का अपमान करते हैं।
अगर हम गांधीवादी, समतवादी, समाजवादी लोग दक्षिणपंथी मानवता विरोधी ताक़तों को अपने लक्ष्यों में सफल होने दिया तो यह गाँधी जी से धोखा करने के समान होगा।
आइये आज इस चंपारन सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के अवसर पर संघवाद के प्रोपेगेंडा को नकारें और गाँधी जी के दिखाए मार्ग का अनुकरण करें। गांधीवादी विचारधारा से देश ही आज देश की सभी ज्वलंत समस्याएं सुलझाई जा सकती हैं।
यही चंपारण शताब्दी मनाने का सब उत्तम तरीका होगा।
उन्होंने तमाम आये विशिष्ट मेहमानों का स्वागत करते हुए अपने संकल्प को दोहराया और कहा की महात्मा गाँधी के विचारों को लागू कराने कि पुरजोर कौशिश करूँगा !आप सबों का स्वागत अवम धन्यवाद।
इस अवसर पर प्रोफेसर राजमोहन गाँधी ,प्रोफेसर पुरुषोत्तम अग्रवाल ,श्री तुषार गाँधी ,ने भी महात्मा गाँधी के विचारों कि विस्तार से चर्चा की !शिक्छा मंत्री श्री अशोक चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया !श्री रामा शंकर सिंघ ने मंच का संचालन किया !
उपमुख्यमंत्री सहित समारोह के विशिष्ट अतिथियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया !
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