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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Tue ,07 Mar 2017 01:03:59 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - रक्सौल।( vor desk )।नेपाल सरकार द्वारा संविधान संसोधन किये बगैर निकाय चुनाव की घोषणा करने के बाद शांतिपूर्ण विरोध के क्रम में पुलिस गोलाबारी में पांच मधेशियों की मौत के बाद मधेश उबल पड़ा है।सप्तरी जिले के राज विराज में सोमवार को एमाले के कार्यक्रम के विरोध के क्रम में पुलिस ने क्रूर दमन शुरू किया।जिसमें,सज्जन मेहता,दिगम्बर यादव,पीताम्बर लाल, मंगल प्रसाद और आनन्द साह समेत पांच की मौत हो गयी।जिसके विरोध में मधेशी मोर्चा ने घटना और दमन की निंदा करते हुए दो दिवसीय बन्दी का आह्वान किया।जिसके बाद मधेश बन्द है।उधर,राजविराज में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू जारी है।
वहां के सीडीओ और एसपी को काठमाण्डु बुला लिया गया है।स्थिति तनाव पूर्ण बन गयी है।मधेशी मोर्चा ने प्रचण्ड सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।मधेशी नेता -कार्यकर्ता सड़क पर उतर आये हैं।तनाव के बीच साम्प्रदायिक दंगे भड़कने की आशंका है।मधेशी पहले से ही कहते आ रहे हैं क़ि जब तक उनका हक़ अधिकार की मांग को पूरा नहीं किया जाता।तब तक वे चुनाव का समर्थन नहीं करेगे ।
सरकार पर दवाब बनाने के लिए मधेशी विगत अर्से से विरोध कार्यक्रम करते आ रहे हैं।कोई भी एमाले नेता जब मधेश आ रहे है ।उनका अभियान के तहत विरोध हो रहा है। इसी क्रम में सोमवार को सप्तरी में एमाले एवं मधेशी दल आमने सामने हो गए।सुरक्षा में लगे पुलिस ने जम कर बन्दुक से मधेशी के हक़ को दबाने की कोशिश की।जिसके बाद आक्रोश भड़क गया है। मधेश एक जुट दिख रहा है ।पूरा मधेश पूर्णरूप से बंद है ।जबकि कही कही पुलिस के साथ झड़प की सूचना आ रही है। तो कही पुलिस ने कई लोगो को अपने हिरासत में लिया है।कुल मिला कर मधेश फिर से अशांत होने लगा है।जिसके दुष्परिणाम तय है।सबसे अहम बात तो यह है क़ि लोग यह सवाल पूछ रहे है क़ि पूर्व राजा ज्ञानेंद्र का जब दौरा होता है।तभी,हिंसा और अशांति क्यों भड़क जाती है
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