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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Fri ,03 Mar 2017 04:03:51 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - यूपी का चुनावी जंग अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है. छठे चरण के लिए चुनाव प्रचार आज खत्म हो जायेगा. इस चरण में 49 सीटों पर मतदान होना है. सपा, बसपा और भाजपा ने जबर्दस्त प्रचार अभियान चलाया है. पूर्वांचल की राजनीतिक जमीन को साधने के लिए भाजपा ने काफी पहले से ही तैयारी की है. इस इलाके को बसपा का गढ़ माना जाता है. बसपा के प्रमुख नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को बीजेपी ने अपने खेमे में शामिल किया, वहीं गाजियाबाद से सांसद मनोज तिवारी को दिल्ली भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया. समझा जाता है कि मनोज तिवारी का अध्यक्ष बनाने का फैसला पूर्वांचल में वोटर्स के बीच पैठ जमाने के लिए किया गया है.
पिछली विधानसभा चुनावों में भाजपा को मात्र सात सीटें हासिल हुई थी. पूर्वांचल का वोटिंग पैटर्न यूपी के बाकि हिस्सों से बिलकुल अलग रहा है. पश्चिमी यूपी के मुद्दे यहां असर नहीं डाल पाते है. इस आखिरी जंग में भाजपा जहां योगी आदित्यनाथ और स्वामी प्रसाद मौर्य के सहारे लड़ाई जीतने की उम्मीद लगाये बैठी हुई हैं. सपा की उम्मीद राज्य के कैबिनेट मंत्रियों के प्रदर्शन पर है.
योगी आदित्यनाथ दो से तीन जिलों में वोटर्स को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं.योगी आदित्यनाथ के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में देखते हैं. ऐसा माना जाता है कि योगी आदित्यनाथ की छवि संप्रदायिक है लेकिन इस बीच उन्होंने अपने इलाके में ऐसा नेता के रूप में बनाया है जो अपने मतदाताओं के लिए हर वक्त उपलब्ध रहते हैं. कुशीनगर के पंडरौना से स्वामी प्रसाद मौर्य उम्मीदवार है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा से बीजेपी का दामन थामा है.कुशीनगर व देवरिया में उनका प्रभाव है. स्वामी प्रसाद मौर्य की छवि मजबूत नेता के रूप में होती है. आमतौर पर ऐसे नेता के रूप में जो किसी भी पार्टी में क्यों न रहे , आस-पास के इलाके के वोटर्स को प्रभावित रखने की ताकत रखता हो.
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