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पहले चरण की कई सीटों के नतीजे पर सबकी नजर

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Sat ,11 Feb 2017 06:02:51 pm |


समाचार नाऊ ब्यूरो . उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण की कई सीटों के नतीजे पर सबकी नजर होगी. इन सीटों पर बड़ी राजनीतिक हस्तियाें, उनके बेटे, बेटी, पोते और कई करोड़पति नेताओं के भाग्य का फैसला हो रहा है. 

इन पांच सीटों बड़े नामवाले उम्मीदवार 
नोएडा : इस सीट से इस बार केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. नोएडा विधानसभा क्षेत्र दिल्ली के करीब तथा आधा शहरी और आधा ग्रामीण परिवेश वाला है. 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा के महेश शर्मा ने जीते थे. उन्होंने सपा के नरेंद्र भाटी को हराया था. महेश शर्मा ने 2014 में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और लोकसभा चुनाव लड़े थे. शर्मा अभी केंद्र सरकार में संस्‍कृति एवं पर्यावरण मंत्री हैं. इस सीट पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा ही जीती थी. इस बार सीटिंग एमएलए का टिकट काट कर पार्टी ने पंकज सिंह को टिकट दिया है.

कैराना : इस सीट से भाजपा सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका इस बार चुनाव लड़ रही हैं. कैराना विधानसभा सीट हिंदुओं के कथित पलायन के मुद्दे को लेकर चर्चा में रहा है. हिंदू-मुस्लिम-गुर्जर बहुल इस विधानसभा क्षेत्र की राजनीति दो खानदानों, हसन और हुकुम की विरासत के बीच अटकी हुई है. 

हिंदुओं के पलायन को बीजेपी ने इस बार बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया और वोटों के ध्रुवीकरण की भरपूर कोशिश की है. वहीं सपा विकास को मुद्दा बना कर चुनाव लड़ रही है. एसपी से नाहिद हसन चुनाव मैदान में हैं.

 

मथुरा सीट : इस सीट से भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा और कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर चुनाव मैदान में हैं. बसपा ने मांट के 7 बार के विधायक श्याम सुंदर शर्मा को उम्मीदवार बनाया. यह सीट पर जाट वोटरों के रूझान की बड़ी अहमियत रही है. यहां जाट मतदाता करीब एक लाख से ज्यादा हैं. जाटों के बाद इस विधानसभा में सबसे ज्यादा वोटर ब्राह्मण समुदाय से हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां बढ़त ली थी.

 

सरधना : इस सीट से भाजपा के विधायक संगीत सोम चुनाव लड़ रहे हैं. जातीय आंकड़ों के आधार पर यहां त्रिकोणीय समीकरण है. 2012 के विधानसभा चुनावों में सपा प्रत्‍याशी अतुल प्रधान को 48 हजार वोट मिले थे, तो भाजपा के विजयी प्रत्‍याशी संगीत सोम को करीब 62 हजार हासिल हुए. वहीं रालोद के टिकट पर चुनाव लड़े हाजी याकूब कुरैशी को 50 वोट मिले थे. सपा-कांग्रेस ने गुर्जर जाति के उम्‍मीदवार को अपना प्रत्‍याशी बनाया. बसपा ने हाजी याकूब कुरैशी के बेटे इमरान कुरैशी को अपना प्रत्‍याशी बनाया.

 

अतरौली : इस सीट पर हरिययाणा के राज्यपाल और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है. इस सीट से उनके पाते संदीप सिंह चुनाव लड़ रहे हैं.  यह
कल्याण सिंह की पारंपरिक सीट रही है. कल्याण सिंह इस सीट से 10 बार विधायक चुने गये थे. इस बार उनके पोते संदीप सिंह को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा है. संदीप युवा हैं और पहली बार चुनाव लड़े हैं. 2012 में इस सीट से समाजवादी पार्टी के वीरेश यादव चुनाव जीते थे. वह इस बार भी चुनाव मैदान में हैं.

73 सीटों पर 185 करोड़पति
विधानसभा के पहले चरण के चुनाव में 73 सीटों के लिए 836 उम्मीदवार मैदान में हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें 302 करोड़पति हैं. सबसे ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार बसपा के हैं. उसके 73 में से 66 उम्मीदवार करोड़पति है. भाजपा दूसरे नंबर पर है. उसने 73 में से 61 करोड़पति उम्मीदवार को मैदान में उतारा. सपा और कांग्रेस इस मामले में पीछे हैं. सपा-क्रांग्रस गंठबंधन के 75 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. दो सीटों पर दोनों का दोस्ताना मुकाबला है. दोनों के 58 उम्मीदवार करोड़पति हैं. सपा ने 51 उम्मीदवार दिये हैं, जिनमें से 40 करोड़पति हैं, जबकि कांग्रेस और कांग्रेस के 24 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 18 प्रत्याशी करोड़पति हैं. इस तरह देखें तो पहले चरण के चुनाव में 73 सीटों पर कुल 185 करोड़पतियों ने भाग्य आजमाया है. 



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