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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,01 Dec 2016 12:12:02 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - मुख्यमंत्री की मौजूदगी में विधान परिषद में राजद के विधायक वेल में जाकर लगातार हंगामा करते रहे और मुख्यमंत्री उनको टुकुर-टुकुर देखते रहे। मानो हंगामा करने वालों को मुख्यमंत्री का समर्थन और संरक्षण प्राप्त हैं। पहले राबड़ी देवी ने अभद्र टिप्पणी कर मुख्यमंत्री को अपमानित किया और अब सदन को बाधित कर मुख्यमंत्री को चुनौती दे रही हैं।
राबड़ी देवी बतायें कि जो लालू यादव 700 करोड़ के चारा घोटाले में सजायाफ्ता और सुप्रीम कोर्ट तक से जिनकी सजा बहाल है, जिन्हें चुनाव लड़ने तक से रोका गया है, क्या ऐसे व्यक्ति को भ्रष्ट नहीं तो ईमानदार कहा जाएगा? इसी प्रकार मुख्यमंत्री नीतीष कुमार बतायें कि जिस सोनिया गांधी के 10 वर्षों के राज में लाखों करोड़ के घोटाले और भ्रष्टाचार हुए, क्या ऐसी सरकार और उसके नेता को ईमानदार कहा जाए?
मुख्यमंत्री बतायें कि विधान सभा में कांग्रेस का झंडा लेकर रिपोर्टर टेबुल पर चढ़ने और विपक्ष की महिला विधायक के साथ दुव्र्यवहार करने वाले विधायकों को दंडित नहीं किया जाना चाहिए? जब सत्ताधारी दल के विधायक ही सदन को बाधित करने और सदन की मर्यादा को तार-तार करने में लगे हों तो फिर ऐसी स्थिति में विपक्ष क्या करें?
मुख्यमंत्री सत्ताधारी दल के विधायकों को अनुषासित करें और सदन की मर्यादा को अक्षुण्ण बनाए रखने में अपनी भूमिका का निर्वाह करें। महागठबंधन के घटक दलों के दबाव और विवषता से बाहर निकलें ताकि संसदीय परम्परा को कलंकित होने से बचाया जा सके।
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