Breaking News

गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर, पटना में बाढ़ का खतरा बिहार में बाढ़- 4 किमी नांव की डोली बना अपनी दुल्हन लेने पहुंचा लड़का चिराग को छोड़कर गए लोगों का नहीं है कोई जनाधार- कांग्रेस सुशांत मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव का बयान, राजगीर मेंं बनने वाली फिल्म सिटी का नाम हो सुश बिहार में बाढ़ से 22 जिलों की हालत बदहाल, 82 लाख लोग हुए हैं प्रभावित सुशांत सिंह मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, सीबीआई करेगी मामले की जांच नीतीश कुमार ने दिया शिक्षकों को तोहफा, पूरे बिहार में कहीं भी ले सकते हैं तबादला नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की नई सेवा शर्त लागू कर खेला 'मास्टर स्ट्रॉक' MenstrualHygieneDay पर जागरूकता के लिए उठाए जा रहे कदम, पर कम नहीं आलोचनाओं का जोर जद (यू0)- दलित-महादलित प्रकोष्ठ की राज्य कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक गया में युवती से बलात्कार के बाद हत्या नियोजित शिक्षकों ने कहा जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं तो आंदोलन आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका का हड़ताल काफी दुखद- कृष्ण नंदन वर्मा मोतिहारी- २०१९ की चुनाव तैयारी में जुटा जिला प्रशासन रामगढ़- पतरातू डैम परिसर में अवैध पार्किंग टिकट के नाम पे वसूली


राबड़ी देवी ने अभद्र टिप्पणी कर मुख्यमंत्री को अपमानित किया- मोदी

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,01 Dec 2016 12:12:02 pm |


समाचार नाऊ ब्यूरो - मुख्यमंत्री की मौजूदगी में विधान परिषद में राजद के विधायक वेल में जाकर लगातार हंगामा करते रहे और मुख्यमंत्री उनको टुकुर-टुकुर देखते रहे। मानो हंगामा करने वालों को मुख्यमंत्री का समर्थन और संरक्षण प्राप्त हैं। पहले राबड़ी देवी ने अभद्र टिप्पणी कर मुख्यमंत्री को अपमानित किया और अब सदन को बाधित कर मुख्यमंत्री को चुनौती दे रही हैं। 
राबड़ी देवी बतायें कि जो लालू यादव 700 करोड़ के चारा घोटाले में सजायाफ्ता और सुप्रीम कोर्ट तक से जिनकी सजा बहाल है, जिन्हें चुनाव लड़ने तक से रोका गया है, क्या ऐसे व्यक्ति को भ्रष्ट नहीं तो ईमानदार कहा जाएगा? इसी प्रकार मुख्यमंत्री नीतीष कुमार बतायें कि जिस सोनिया गांधी के 10 वर्षों के राज में लाखों करोड़ के घोटाले और भ्रष्टाचार हुए, क्या ऐसी सरकार और उसके नेता को ईमानदार कहा जाए? 
मुख्यमंत्री बतायें कि विधान सभा में कांग्रेस का झंडा लेकर रिपोर्टर टेबुल पर चढ़ने और विपक्ष की महिला विधायक के साथ दुव्र्यवहार करने वाले विधायकों को दंडित नहीं किया जाना चाहिए? जब सत्ताधारी दल के विधायक ही सदन को बाधित करने और सदन की मर्यादा को तार-तार करने में लगे हों तो फिर ऐसी स्थिति में विपक्ष क्या करें? 
मुख्यमंत्री सत्ताधारी दल के विधायकों को अनुषासित करें और सदन की मर्यादा को अक्षुण्ण बनाए रखने में अपनी भूमिका का निर्वाह करें। महागठबंधन के घटक दलों के दबाव और विवषता से बाहर निकलें ताकि संसदीय परम्परा को कलंकित होने से बचाया जा सके। 



Related News


गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर, पटना में बाढ़

चिराग को छोड़कर गए लोगों का नहीं है कोई जनाधार-

गया में युवती से बलात्कार के बाद हत्या

15 जनवरी तक प्रदेश का एक शख्स राशन कार्ड

गरीबों और कमजोरों के लिए अपनी आवाज़ दृढ़ता के साथ

युवाओं में ‘देश सर्वप्रथम’ का भाव उत्पन्न करें छात्र संगठन

कोयले की कोई कमी नहीं है-पीयूष गोयल

प्रधानमंत्री का उत्तर प्रदेश में वाराणसी और गाजीपुर दौरा

प्रधानमंत्री अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की यात्रा पर

आतंकवादी मसूद  अज़हर के सर कलम करने वाले को

वायु सेना प्रमुख ने एक्स कोप इंडिया-18 का दौरा किया

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय बच्चों के आश्रय स्थलों के

Follow Us :

All rights reserved © 2013-2025 samacharnow.com