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बिहार-- अलविदा 2015
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समाचार नाउ ब्यूरो | Publish Date:12:40:24 PM / Thu, Dec 31st, 2015 |
अलविदा 2015 बिहार
बिहार की राजनीति 2015 के लिए कई मायनों में अहम रही है.... 2015 की शुरूआत ही राजनीतिक लडाई के साथ हुई और एक नये आयाम को देकर जा रही है.... बिहार में जातिय कार्ड की लडाई के लिए जीतन राम मांझी सें जदयू को अलग कर नीतीश कुमार बिहार की गददी पर काबिज हुए तो बिहार में सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला बैठाकर नीतीश कुमार विधान सभा के 2015 के चुनाव को फतह कर फिर से गददी पर पर कब्जा जमा लिए आइए दिखाते हेैं बिहार में राजनीति नए मायने गढने वाली वे तरीखे जिसने 2015 के राजनीति को बिहार में नई दिशा दी ...
1. 13 जनवरी बिहार के चुनावों को लेकर बीजेपी का मिशन 185 का टरगेट को लेकर बैठक हुई
2. 24 जनवरी चुनाव की रणनीति को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अघ्यक्ष अमित शाह का बिहार दौरा
3. साल की शुरूआत बिहार की राजनीति में नीतीश और तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बीच रही और यह लडाई फरवरी में उस समय तक चली जबतक की नीतीश फिर से बिहार के मुख्यमंत्री के गददी पर काबिज नहंी हुए
4. 22 फरवरी 2015 को नीतीश कुमार ने चैथीबार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर पद और गोपनियता की शपथ ली
5. फरवरी में कासी क्षेत्र में आए चक्रवाती तूफान से भारी तबाही हुई थी... केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय गृहमंत्री सहित कई मंत्रियों की टीम कें साथ की कृषि मंत्रालय की टीम को भी समीक्षा के लिए भेजा था।
6. चैथीबार मुख्यमंत्री बनने पर नीतीश कुमार को राजद ओर कांग्रेस का साथ मिला जिसके बाद बिहार में नई विचारधारा की राजनीति की शुरूआत हुई
7. 11 मार्च 2015 को नीतीश कुमार ने चैथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद सदन में अपना विस्वास मत हासिल किया, बीजेपी ने सदन का वाक आउट किया था
8. 6 मार्च को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राम सुन्दर दास का निधन हुआ
9. 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप से नेपाल और बिहार में भारी छति हुई
10. 23 मई को केन्द्र के नरेन्द्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने पर बिहार विजय का संकल्प बना और उसे लेकर चलने का काम शुरू हुआ
11. 3 जुलाई से चुनावी मुड में आई जदयू ने हर घर दस्तक कार्यक्रम का आगाज किया
12. 25 जुलाई को बिहार के पहले दौरे पर आए पीएम नरेन्द्र मोदी बिहार केा 125 करोड के विशेष पैकेज का किया एलान
13. 12 अगस्त को झारखंड के सीएम रधुवर दास बिहार के दौरे पर आए
14. 18 अगस्त को बिहार में कार्यक्रम को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी बिहार के दौरे पर आए
15. सितम्बर महीने में हुई महागठबंधन की महा रैली जिसमें कांग्रेस अघ्यक्ष सोनिया गांधी शामिल हुई बिहार के राजनीति का टर्निग प्वाइंट बना
16. 19 सितम्बर को चम्पारण से चुनावी आगाज करने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांघी बेतिया पहुचे
17. 9 सितम्बर को बिहार में लागू हुई आदर्श आचार संहिता 243 सीटों वाले बिहार विधान सभा का हुआ एलान
18. बिहार के चुनाव में तीन बडे रणनीतिकार अपने मंसूबे में पूरी तरह से सफल रहे... नीतीश जदयू के लिए लालू यादव राजद के लिए और डा सीपी जोशी कांग्रेस के लिए
19. पंाच चरणों में बिहार विधान सभा के चुनावों का हुआ एलान
20. 16 सितम्बर से बिहार में पहले चरण का नांमांकन शुरू
21. बिहार चुनाव देश की राजनीति के लिए एक कां्रति साबित हुए, पीएम मोदी के चेहरे पर चनुाव लडने गए गई बीजेपी को मंुह की खानी पडी जबकि महागठबंधन को जीत मिली
22. 9 नवम्बर को मतगणना हुई जिसमें महागठबंधन को महासफलता मिली
23. नरेन्द्र मोदी के चहरे पर चुनाव लड रही और मिशन 185 का टारगेट लेकर चल रही बीजेपी और उसके गठबंधन के साथी महज 57 सीटोें पर ही सिमट गयी
24. बिहार के साथ ही राजनीतिक अवसान पर पहुचे लालू यादव की राजनीति को नया आयाम मिला और उनकी पार्टी राजद बिहार की सबसे बडी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी
25. इस चुनाव में लभग 780 रैलिया हुई जिसमें 253 रैली लालू यादव और 26 रैली पीएम नरेनद्र मोदी ने की थी
26. 20 नवम्बर को नीतीश कुमार ने पंाचवी बार बिहार के मुख्यमंत्री के पद की शपथ ली
27. लालू यादव के राजनीतिक जीवन का दूसरा सबसे बडा दिन जब लालू यादव के दोनो बेटे सक्रिय राजनीति के हिस्सेदार बने और बिहार में मंत्री पद लिए
28. 20 नवम्बर लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव बिहार के उप मुख्यमंत्री बने
29. 20 नवम्बर देश की राजनीति के लिए एक बडा दिन रहा जब गैर भाजपा राज्यों के कई मुख्यमंत्री नीतीश के शपथ ग्रहण में पहुंचे
30. 20 नवम्बर कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाघ्यक्ष राहुल गांघी भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए
31. 20 नवम्बर बिहार की राजनीति में फिर से एक बार कांग्रेस दाखिल हुई और 30 साल बाद सत्ता में हिस्सेदार बनी
32. बिहार चुनाव जातिय राजनीति के गोलबंदी का एक बडा उदाहरण बना जिसमें लालू नीतीश कांग्रेस तो ओवैसी जैसे लोगों का भी पर्दुभाव बिहार में हुआ।
33. बिहार चुनाव दूसरे राजनीतिक दलों के खतरनाक रहा, सपा, बसपा, जन पार्टी जैसे राजनीतिक दलों की जमानत तक जब्त हो गयी ।
34. बिहार में एक बडे नाम बनकर उभरे जीतन राम मांझी की पार्टी हम किसी तरह से अपना राजनीतिक कद बचा पायी।
35. बिहार के कई नामी राजनेता जो कई बार मंत्री रहे चुनाव हार गए जिसमें डा जगन्नाथ मिश्र के बेटे नीतीश मिश्र, नीतीष और मांझी सरकार में कृषि मंत्री रहे नरेन्द्र सिंह, महाचन्द्र सिंह, वृषिण पटेल और शाहिद अली खान शामिल है।
36. दिसम्बर महीने में फरबिसगंज गोली कांड की रिपोर्ट सरकार को दी गयी
37. दिसम्बर का महीना भाजपा के लिए 2015 में एक बार फिर भारी पडा जब दरभंगा से सासंद कीर्ति आजाद को पार्टी ने विरोधी गतिविधि में शामिल होने पर निलंबित कर दिया हालांकि बिहार में भाजपा के एक नहीं कई बागी समाने आए जिसमें बिहारी बाबू चुनावों के समय से ही भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे।
38. सरकार बनने के बाद बिहर में फिर से अपराध में बढोत्तरी हुई ओर इसको लेकर सरकार और विपक्ष में राजनीतिक जंग भी खूब चल रही है,
39. सिवान के चर्चित तेजाब कांड
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