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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:19:14:38 PM / Fri, Aug 12th, 2016 |
नयी दिल्ली : सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद राष्ट्रपति का मासिक वेतन देश के शीर्ष नौकरशाह की तुलना में कम हो जाने के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों के वेतन एवं भत्ते बढाने के लिए एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया है. यह प्रस्ताव केंद्रीय कैबिनेट के पास उसकी मंजूरी के लिए शीघ्र ही भेजा जाएगा. फिलहाल, राष्ट्रपति को प्रति माह 1.5 लाख रुपया, उपराष्ट्रपति को सवा लाख रुपया और राज्यपाल को 1. 10 लाख रुपया मिलता है. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद देश के शीर्ष नौकरशाह, कैबिनेट सचिव को 2.5 लाख रुपया प्रति माह और केंद्र सरकार में सचिव को सवा दो लाख रुपया प्रति माह वेतन मिलने लगेगा.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय का प्रस्ताव अगले हफ्ते केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के लिए सौंपे जाने की उम्मीद है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस संबंध में विधेयक संसद में पेश किया जाएगा. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों का वेतन पिछली बार साल 2008 में बढा था, जब संसद ने तिगुनी वृद्धि को मंजूरी दी थी. साल 2008 तक राष्ट्रपति का वेतन 50,000 रुपया, उपराष्ट्रपति का 40,000 रुपया और राज्यपाल का 36,000 रुपया था. इसके अलावा, पूर्व राष्ट्रपति, दिवंगत राष्ट्रपति के जीवनसाथी, पूर्व उपराष्ट्रपति, दिवंगत उपराष्ट्रपति के जीवनसाथी और पूर्व राज्यपालों का पेंशन बढाए जाने की उम्मीद है.
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