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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:15:47:20 PM / Tue, Aug 16th, 2016 |
लखनऊ : समाजवादी पार्टी को दो फाड़ होने से बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव ने कल शिवपाल सिंह यादव का समर्थन किया और अखिलेश यादव को फटकार लगायी. अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि जिस कौमी एकता दल का सपा में विलय अखिलेश के विरोध के कारण नहीं हो पाया था, अब उसका विलय सपा सुप्रीमो ने तय कर दिया है. समाजवादी पार्टी प्रदेश में यादव और मुसलमान वोट के भरोसे राजनीति करती है. लेकिन इस बार 15 मुस्लिम पार्टियों ने एक फ्रंट बनाकर एक साथ आने का फैसला किया है.
ऐसे में अगर उत्तर प्रदेश के मुसलमान इस फ्रंट के साथ चले गये, तो सपा को भारी नुकसान होगा. प्रदेश में 19 प्रतिशत मुसलमान वोटर हैं. मुसलमानों को अपने साथ लाने के लिए सपा ने कौमी एकता दल को साथ लाने का निर्णय कर लिया है.
मुख्तार अंसारी और अफजल अंसारी के साथ आने से सपा को मुसलमान वोटों का फायदा तो होगा, साथ ही शिवपाल यादव की नाराजगी भी दूर हो सकती है.
शिवपाल ने कौमी एकता दल के विलय को अपनी सहमति दे दी थी, लेकिन अखिलेश यादव के विरोध के कारण यह विलय संभव नहीं हो पाया, जिससे शिवपाल यादव नाराज चल रहे थे और परिवार में दूरियां बढ़ती जा रहीं थीं. शिवपाल जमीन से जुड़े नेता हैं और उनका प्रदेश में काफी प्रभाव है और अगर वे सपा से अलग होते हैं, तो अखिलेश सरकार मुसीबत में आ जायेगी.
कल समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने आजादी के जश्न के बाद सपा कार्यालय में आयोजित बैठक में बोलते हुए कहा कि शिवपाल के खिलाफ साजिश हो रही है. उन्होंने कहा कि वे पार्टी के बहुत मायने रखते हैं. मैं यह कहना चाहता हूं कि हम सब उसके साथ खड़े हैं. मुलायम ने कहा कि अगर शिवपाल गये तो सबकुछ बिखर जायेगा.
उन्होंने इस अवसर पर मंत्रियों पर आरोप लगाया कि वे सुविधाखोर हो गये हैं, जिसके कारण तमाम तरह की गड़बड़ियां हो रहीं हैं.
गौरतलब है कि कल मैनपुरी में शिवपाल यादव ने कहा था कि प्रदेश में मेरी कोई सुनता ही नहीं है. सरकारी अधिकारी मेरी बात नहीं सुनते, जिसके कारण प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है
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