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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:17:21:12 PM / Tue, Sep 6th, 2016 |
नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा से लौटे गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कश्मीर की स्थिति से अवगत कराया. दोनों नेताओं के बीच एक घंटे तक चली इस बैठक में गृहमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य की जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी दी. यह जानकारी चार और पांच सितंबर के लिए श्रीनगर एवं जम्मू गए सर्वदलीय शिष्टमंडल की ओर से किए गए आकलन पर आधारित थी. दोनों नेताओं के बीच हुई इस बैठक के बाद गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि अब मोदी सरकार हुर्रियत कान्फ्रेंस व अन्य धड़ों के अलगाववादी नेताओं पर नकेल कसेगी. इसके तहत उनके विदेश दौरे, सुरक्षा व स्वास्थ्य पर होने वाले खर्चों की सरकार समीक्षा करेगी.
सूत्रों का कहना है कि अलगाववादियों को मिलने वाले हवाई टिकट, कश्मीर से बाहर जाने पर होटल व गाड़ियों की सुविधाएं वापस ली जा सकती है. अलगाववादियों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को भी वापस लिये जाने की मांग उठी है, हालांकि इस पर फैसला जम्मू कश्मीर सरकार को लेना है. उनके खर्च का 90 प्रतिशत केंद्र उठाता है और मात्र दस प्रतिशत जम्मू कश्मीर सरकार को वहन करना हाेता है. अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में 900 के करीब सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. एक खबर के मुताबिक अलगावादियों पर पिछले पांच साल में जम्मू कश्मीर सरकार ने 506 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. उनको होटलों में ठहराने पर ही 21 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री आवास पर मोदी से मुलाकात करने के बाद ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को सर्वदलीय शिष्टमंडल की जम्मू-कश्मीर यात्रा के बारे में जानकारी दी और उन्हें राज्य की स्थिति से अवगत कराया.' प्रधानमंत्री वियतनाम और चीन की यात्रा के बाद कल रात राजधानी लौटे हैं. गृहमंत्री भी जम्मू-कश्मीर की यात्रा करने के बाद कल शाम ही वापस आए हैं. सूत्रों ने कहा कि सर्वदलीय शिष्टमंडल के सदस्य अपने इस दौरे के दौरान निकाले गए निष्कर्षों पर चर्चा के लिए कल यहां बैठक कर सकते हैं और जम्मू-कश्मीर के लिए भविष्य की योजनाएं तय कर सकते हैं.
कश्मीर में तनाव को समाप्त करने की कोशिश करने वाले सर्वदलीय शिष्टमंडल ने बिना किसी खास उपलब्धि के कल अपने इस दौरे को पूरा कर लिया था.
श्रीनगर में कुछ सांसदों ने हुर्रियत नेताओं के दरवाजे खटखटाए थे लेकिन उन्होंने इन सांसदों से मिलने से मना कर दिया था. हुर्रियत नेताओं के इस इनकार पर नाखुशी जाहिर करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तब कहा था कि उनका व्यवहार ‘‘जम्हूरियत (लोकतंत्र), इंसानियत और यहां तक कि कश्मीरियत (कश्मीरी मूल्यों)' के खिलाफ है.
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