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मोदी नीति के विरोध में नितीश का उपवास

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:13:46:26 PM / Sat, Mar 14th, 2015 |


केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को जदयू के प्रदेश मुख्यालय में 24 घंटे के उपवास पर बैठेंगे. उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह समेत सांसद, मंत्री, पटना जिले से आनेवाले विधायक, विधान पार्षद समेत पार्टी के पदाधिकारी शामिल होंगे. मुख्यमंत्री सुबह 10 बजे पार्टी कार्यालय पहुंच जायेंगे, जहां वह अगले दिन सुबह 10 बजे तक मौजूद रहेंगे. उपवास के दौरान नीतीश समेत पार्टी के सभी नेता सिर्फ नींबू पानी ग्रहण करेंगे. वहीं, पटना के अलावा सभी जिलों और प्रखंड मुख्यालयों में 12 घंटे का राज्यव्यापी उपवास होगा. शुक्रवार की देर रात तक उपवास स्थल पर गद्दा, पंखा समेत लाइट की पूरी व्यवस्था कर दी गयी. दिल्ली से पटना पहुंचने के बाद जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने उपवास स्थल पर तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि उपवास कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गयी है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पार्टी मुख्यालय में 24 घंटे का उपवास शनिवार की सुबह 10 शुरू होगा और रविवार की सुबह 10 बजे यह समाप्त होगा. जिला मुख्यालयों व प्रखंड मुख्यालयों में सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक यह उपवास चलेगा. विधायक-विधान पार्षद जो जिस क्षेत्र से आते हैं, वहां के जिला व प्रखंड में उपवास का प्रतिनिधित्व करेंगे. पटना के जदयू मुख्यालय समेत कारगिल चौक भी जदयू जिला व महानगर के नेता-कार्यकर्ता उपवास पर बैठेंगे. उन्होंने कहा कि उपवास के जरिये भूमि अधिग्रहण बिल का विरोध करना है. अपनी आवाज बुलंद करनी है और देश के जनमानस को जागरूक व जागृत करना है. उपवास का मकसद है कि केंद्र सरकार सजग हो और अपना निर्णय बदले. अगर बिल का निर्णय बदलता है यह जनतांत्रिक जीत होगी. इस विधेयक का विपक्ष के साथ-साथ केंद्र सरकार में शामिल दलों ने भी विरोध किया है. यह एक ऐसा सवाल है, जिससे पार्टियों के बैरियर को तोड़ा है. यह विधेयक कॉरपोरेट घरानों को खुश करने के लिए है. इससे किसानों की खेती वाली जमीन भी जबरन ले ली जायेगी.


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