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वी आई पी लाइट लगा बता रहे हम भी है - कानून बना मजाक

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:19:16:17 PM / Wed, Sep 21st, 2016 |


 बिहार के वैशाली में प्रशासनिक अधिकारी तो प्रशासनिक अधिकारी वैसे जन प्रतिनिधि   जिन्हें VIP बत्ती लगाने का अधिकार नहीं वो भी  अपनी गाड़ियों पर VIP बत्ती लगाकर धौस दिखाते नजर आ जाते है  ..... लेकिन आश्चर्य तो तब होता है जब इस बारे में सवाल पूछे जाने पर दूसरो का हवाला देते हुए तबतक नहीं हटाने की बात करते है जब तक दूसरे अपनी गाड़ियों से VIP हटा नहीं लेते

 वैशाली जिला परिषद् के अध्यक्ष प्रभु साह . पहली बार जिला परिषद् के अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान है .लेकिन ये इनका ठसक ही है जो इन्हें पता होते हुए भी की इन्हें अपनी गाडी पर लालबत्ती लगाने का अधिकार नहीं .बावजूद इसके पूरी ठसक और कुर्सी के अभिमान में ये बताते है की जब तक दुसरे अपनी गाडियों से अपनी बत्तियाँ नहीं हटाते वो अपनी गाडी से लालबत्ती नहीं हटायेंगे .

हम आपको बताते है की इन VIP गाडियों के लगाने से किस तरह के ये अधिकारी और जनप्रतिनिधि लाभ उठाते है .सडको पर लगने वाला टौल इनसे नहीं वसूला जाता. सडको , ट्रैफिक ,कानून ब्यवस्था और सुरक्षा जांच से इन VIP गाडियों को छुट मिल जाती है .लेकिन इन बत्तियो के बेजा इस्तेमाल से सरकार को आर्थिक चुना तो ये अवैध बत्तियो वाले लोग तो लगाते ही है .कानून ब्यवस्था के लिए भी मुसीबत बन जाते है . कई बार इन VIP बत्तियो का इस्तेमाल कर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिए जाने की खबर मिलती रहती है .

 

 ऐसा भी नहीं है की VIP बत्त्तियो के अवैध इस्तेमाल के बारे में वैशाली के परिवहन विभाग को जानकारी नहीं है .लेकिन सवालों पर ये अधिकारी बस कानून के तहत कारवाई की जाएगी बोल कर अपना पल्ला झाड लेते है . और ये ऐसा करे भी क्यों नहीं VIP बत्तियो का धड़ल्ले से अवैध इस्तेमाल करने में प्रशासनिक अधिकारियो की संख्या कम नहीं है .वैसे ये VIP बत्तियो का लगाने का अधिकार किन किन को है इसकी सूची बाकायदा सुप्रीम कोर्ट ने जारी की जिसमे जिला के न्यायालय से जुड़े हुए DJ , CJM , प्रशासन और पुलिस अधिकारियो में लॉयन ऑडर के कामो में लगे DM , SP , और बिहार सरकार द्वारा अनुमोदित वैसे अधिकारी जिन्हें कानून ब्यवस्था के लिए सरकार जरुरी समझती है . जिसमे SDO और SDPO सामिल है इनके अलावे जिला के कोई भी पदाधिकारी अगर वीआईपी बत्ती लगाकर घूमते है तो खुलेआम कानून तोरते है 

बहरहाल कानून और नियमो को ठेंगा दिखा कर जब अधिकारी और जनप्रतिनिधि ही इन VIP बत्तियो का धड़ल्ले से इस्तेमाल करेंगे तो आम आदमी से नियमो के पालन करने की आस कैसे की जाए . सरकार और ऊँचे पदों पर बैठे अधिकारियो को अपने मातहत काम करने वाले ऐसे अधिकारियो के विरुद्ध कारवाई करनी चाहिए . साथ ही अवैध VIP बत्तियो के इस्तेमाल करने वाले ये जनप्रतिनिधि और अधिकारी खुद अपनी गाडियों से इन बत्तियो को खुद हटा ले . जिससे ये बाकियों के लिए नजीर बने .



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