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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:18:42:59 PM / Sat, Jun 4th, 2016 |
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में एक बार फिर सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को टाउन हॉल में पहली प्रशासनिक बैठक की. पहली प्रशासनिक समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि पिछले पांच वर्षों में राज्य का चहुमुखी विकास हुआ है.
आधारभूत विकास की योजनाओं के साथ-साथ लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए सामाजिक-आर्थिक रूप से उनको सहायता प्रदान की है. राज्य सरकार द्वारा किये जानेवाले योजनागत खर्च में लगभग चार गुना वृद्धि हुई है.
वर्ष 2010-11 में राज्य सरकार का योजना खर्च लगभग 14 हजार करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2015-16 में बढ़ कर लगभग 53 हजार करोड़ रुपये हो गया है. उन्होंने बताया कि पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में राज्य का योजनागत व्यय बजट 49,507 करोड़ रुपये का था, लेकिन वास्तविक खर्च 53,010 करोड़ रुपये रहा. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में योजनागत व्यय की कुल राशि खर्च नहीं की जाती है, लेकिन हमारा व्यय 15 प्रतिशत अधिक रहा.
नये वित्त वर्ष 2016-17 के लिए वित्त विभाग ने 11,573 करोड़ रुपये जारी किये हैं, जिसके तत्काल उपयोग की दिशा में कदम उठाने के निर्देश जारी किये गये हैं. उन्होंने विधानसभा चुनावों के चलते पिछले कुछ महीनों से लंबित सभी विकास कार्यों को दोबारा शुरू करने के निर्देश दिये हैं. शुक्रवार को टाउन हॉल में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ सभी विभागों के मंत्री, विभागीय सचिव, सभी जिलों के डीएम व एसपी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
आधार कार्ड अनिवार्य करने के फैसले पर उठाया सवाल
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों पर ‘कर का बोझ' बढ़ाने और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है. सुश्री बनर्जी ने कहा है कि सेवा कर और उप कर के जरिये लोगों पर खर्च का बोझ बढ़ाया जा रहा है. यहां तक कि मेडिक्लेम का बिल तक 17,000 रुपये से बढ़ कर 30,000 रुपये पहुंच गया है. सर्विस टैक्स में जिस प्रकार से वृद्धि हुई है, उससे आम लोगों पर खर्च का बोझ बढ़ गया है. मुख्यमंत्री ने आधार कार्ड के लिए केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि 20-30 प्रतिशत लोगों के पास अब भी यह कार्ड नहीं है. उन्होंने कहा कि जिन गरीब लोगों के पास यह कार्ड नहीं है, वे सरकारी योजनाओं के लाभ और धन से वंचित हो जायेंगे. वे ग्रामीण लोग रोजगार कर अपना पेट पालेंगे या आधार कार्ड बनवायेंगे. जब तक सभी लोगों का आधार कार्ड नहीं बन जाता है, तब तक केंद्र इसे अनिवार्य ना करे, तो अच्छा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कई योजनाओं के लिए फंड देना बंद कर दिया है और राज्य सरकार उन योजनाओं पर अपने कोष से राशि खर्च कर रही है.
14 जून को जंगलमहल से शुरू होगा जिलों का दौरा
टाउन हॉल में पहली प्रशासनिक बैठक के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य की जनता ने उनको जिस विश्वास के साथ अपार बहुमत से एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाया है, वह उनके विश्वास को बनाये रखने के लिए हर संभव कदम उठायेंगी. राज्य में विकास की गति के तेज होने का प्रमुख कारण उनका स्वयं जिलों-जिलों में जाकर वहां के अधिकारियों के साथ बैठक और योजनाओं की प्रगति का जायजा लेना है. इसलिए दूसरी पारी में भी वह जिलों के दौरे पर विशेष ध्यान देंगी. मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद उनका पहला जिलों का दौरा 14 जून को जंगलमहल क्षेत्र से शुरू होगा. 14 जून को वह पश्चिम मेदिनीपुर जिले के झाड़ग्राम में एक प्रशासनिक बैठक करेंगी. उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में उनको विभिन्न जिलों में 115 व राज्य स्तर पर छह प्रशासनिक बैठक की थी. आगामी पांच वर्षों में प्रशासनिक बैठक की संख्या पहले की अपेक्षा और अधिक होने की संभावना है.
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