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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date:18:57:33 PM / Sun, Sep 25th, 2016 |
कोझिकोड : धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा को तोड़े- मरोड़े जाने की बात कहते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जनसंघ के विचारक दीनदयाल उपाध्याय का हवाला दिया और कहा कि मुस्लिमों को ‘अपना' माना चाहिए और उन्हें वोटबैंक की वस्तु के रुप में नहीं देखा जाना चाहिए. भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का मिशन ‘सबका साथ, सबका विकास' कोई राजनीतिक नारा नहीं है बल्कि समाज के अंतिम पायदान पर खडे व्यक्ति का कल्याण सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है.
अपने भाषण में मोदी ने धर्मनिरपेक्षता, संतुलित एवं समावेशी विकास और चुनाव सुधारों की जरूरत के बारे विस्तार से चर्चा की और दीनदयाल उपाध्याय को उनकी जन्मशती पर उन्हें नमन किया. उन्होंने कहा, ‘‘ इन दिनों इसकी परिभाषा को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है. यहां तक कि इन दिनों राष्ट्रवाद को भी कोसा जाता है. ' दीन दयाल उपाध्यय के जीवन एवं योगदान का जिक्र करते हुए मोदी ने उनका हवाला देते हुए कहा कि मुसलमानों को न पुरस्कृत करों और न ही फटकारों. उन्हें सशक्त बनाओ. वे न तो वोट बैंक की वस्तु हैं और न ही घृणा की सामग्री. उन्हें अपना समझो
उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती में हम सकंल्प लें कि कैसे आचार-विचार की दृष्टि से राजनेताओं की छवि बदल सकती है. नरेंद्र मोदी ने कहा कि और दलों में भी अच्छे लोग है लेकिन हमारे पास ज्यादा अच्छे लोग होंगे क्योंकि हम कई बीमारियों से बचे हुए हैं. हमारे सभी महानुभावों ने जैसा लालन-पालन किया है. हम विचार और आचार के माध्यम से लघु प्रतीक बन सकते है क्या ? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में इस प्रकार का माहौल बना दिया गया है कि देश भक्ति को कोसा जाता है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अचानक यह घोषणा की कि भारत जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते का दो अक्तूबर को अनुमोदन करेगा जो वैश्विक ग्लोबल वार्मिंग पर नियंत्रण के अंतराष्ट्रीय स्तर संबंधी उपायों को लागू करने में गति प्रदान करेगा. भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘सीओपी21 के संबंध में एक कार्य शेष है. इसका अनुमोदन करना अभी बाकी है और भारत में ऐसा करना बाकी है. आज दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर मैं यह घोषणा करता हूं कि दो अक्तूबर को महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर भारत इसका अनुमोदन करेगा.'' प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस दिन को इसलिए चुना क्योंकि महात्मा गांधी का जीवन न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन का उदाहरण है. पिछले दिसंबर में पेरिस जलवायु बैठक के दौरान 190 से अधिक देशों ने ग्लोबल वार्मिंग पर लगाम लगाने के लिये महत्वाकांक्षी सीमा का लक्ष्य तय करने पर सहमति व्यक्त की थी
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