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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,06 Dec 2018 11:12:03 am |
समाचार नाऊ ब्यूरो - भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि महान गरुओं जैसे भगवान महावीर के भारतीय दर्शन, सिद्धांत और शिक्षाएं वर्तमान दौर की गंभीर समस्याओं का समाधान देंगी. उप राष्ट्रपति चेन्नई में भगवान महावीर फाउंडेशन द्वारा आयोजित 21वें महावीर पुरस्कार वितरण समारोह के लिए उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे. इसके तहत ऐसे व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित किया गया जो समाज के कल्याण के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं।
नायडू ने कहा कि हम ऐसे उथल-पुथल भरे दौर में रह रहे हैं, जहां हम आतंकवाद, विद्रोह से लेकर गृह युद्ध जैसी कई तरह की हिंसा से लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का अनियंत्रित दोहन और असंयमित और खराब ढंग से बनाई गई विकास योजनाएं प्रकृति को बर्बाद कर रही हैं।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि या तो हमें अपना रहन सहन बदलना होगा या फिर हमारे कर्मों के अपरिहार्य नतीजों से लड़ने के लिए तैयार रहना होगा. उन्होंने ये भी कहा कि हमारे प्राचीन महान दर्शन में इस नए आधुनिक युग के सबसे जटिल मुद्दों का हल छिपा हुआ है।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए खतरा है और शांति ही प्रगति का एकमात्र शर्त है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि यही वो समय है जब हम एक आत्मनिरिक्षण का कार्य करें कि वो क्या चीजें हैं जो हमें भारतीय बनाती हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने प्रचीन मूल्यों को एकबार फिर से देखना चाहिए, उनमें से जो बेहतर है उसकी पहचान करनी चाहिए, जो भी हमारे समय के हिसाब से सही लगती हो उसे अपने जीवन में उतारना चाहिए।
नायडू ने कहा कि भारत को दुनिया में मानव मूल्यों और ज्ञान आधारित अपनी वास्तविक जगह को फिर से प्राप्त करना होगा। पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण की जरूरत पर बल देते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि जो भी सामाजिक व्यवस्था और प्राकृतिक संसाधन हमें विरासत में मिले हैं हम सिर्फ उसके न्यासी थे। ये हमारा पवित्र कर्तव्य था कि हम उसे आनेवाली पीढ़ी को उसे बेहतर स्थिति में सौंप दें ताकि जीवन की निरंतरता में कोई व्यवधान ना हो।
उप राष्ट्रपति ने विजेताओं की सराहना की और कहा कि जो लोग समाज के विकास के लिए चुपचाप, निस्वार्थ रूप से कार्य कर रहे हैं वो मानवता में हमारे विश्वास को मजबूत करते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों का कार्य हमारे भारतीय मूल्यों और परंपराओं में प्रतिष्ठा प्राप्त ‘स्वयं से पहले सेवा’ के सिद्धांत को सुनिश्चित और संरक्षित करता है।
श्री नायडू ने कहा कि जैन धर्म के दर्शन में वर्तमान विश्व के लिए बेहद महत्वपूर्ण शिक्षाएं छिपी हुई हैं. उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने सिखाया है कि मुक्ति और आनंद का रास्ता हानिरहित और त्याग वाले जीवन जीने में ही है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि हमें प्रकृति का आदर करना सीखना होगा और इसे बिना नुकसान पहुंचाए अगली पीढ़ी को सौंपना होगा।
श्री नायडू ने सामुदायिक और सामाजिक सेवा में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार देते हुए ग्रामीण स्वास्थ्य संगठन, इंफाल की सराहना की और कहा कि सुदूर और पहाड़ी क्षेत्रों में रह रहे लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए सरकार, नागरिक समाज और निजी संस्थाओं की मिलजुल कर कोशिश करने की जरूरत है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया किग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
इस मौके पर तमिलनाडू के राज्यपाल श्री बंवरीलाल पुरोहित, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त श्री टीएस कृष्णमूर्ति, भगवान महावीर फाउंडेशन के प्रबंध न्यासी श्री प्रसनचंद जैन के साथ ही दूसरे गणमान्य वक्ति भी उपस्थित रहे।
उप राष्ट्रपति ने इस मौके पर डॉक्टर शीरानी पिएरा को अहिंसा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया। श्री पी सी प्रकाश को चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया और श्री इंद्रमणि सिंह को सामुदायिक और सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया
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