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इंडिया स्‍मार्ट सिटीज फेलोशिप (आईएससीएफ) और इंडिया स्‍मार्ट सिटीज इंटर्नशिप (आईएससीआई) कार्यक्रम लांच किए गए

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Tue ,10 Jul 2018 09:07:17 am |


समाचार नाऊ ब्यूरो - आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप एस. पुरी ने कहा है कि स्‍मार्ट सिटीज फेलोशिप और इंटर्नशिप कार्यक्रम से युवाओं को शहरी नियोजन एवं गवर्नेंस के विभिन्‍न पहलुओं का अनुभव करने का अवसर प्राप्‍त होगा। स्‍मार्ट सिटी डिजिटल भुगतान पुरस्‍कार के शुभारंभ की घोषणा करते हुए श्री पुरी ने कहा कि इसका उद्देश्‍य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के साथ-साथ अभिनव डिजिटल भुगतान पहलों को अपनाने के लिए स्‍मार्ट सिटीज को प्रोत्‍साहित करके ‘डिजिटल इंडिया’ को बढ़ावा देना और भारत के शहरी निवासियों के जीवन को सरल बनाना है। श्री पुरी ने आज यहां ‘अमृत’ और ‘स्‍मार्ट सिटी मिशन’ के तहत अनेक नई पहलों का शुभारंभ किया। इनमें इंडिया स्‍मार्ट सिटीज फेलोशिप (आईएससीएफ) कार्यक्रम, इंडिया स्‍मार्ट सिटीज इंटर्नशिप (आईएससीआई) कार्यक्रम और स्‍मार्ट सिटीज डिजिटल भुगतान पुरस्‍कार 2018 तथा स्‍मार्ट सिटी मिशन के तहत ‘सिटीज’ चैलेंज शामिल हैं। वहीं, ‘अमृत’ के तहत प्रायोगिक आधार पर 25 शहरों में स्‍थानीय क्षेत्र योजना (लैप)/शहरी नियोजन योजना (टीपीएस) क्रियान्वित की जाएगी। आवास मामलों के मंत्रालय में सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा और मंत्रालय के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

    

इंडिया स्‍मार्ट सिटीज फेलोशिप (आईएससीएफ) कार्यक्रम :

     इंडिया स्‍मार्ट सिटीज फेलोशिप (आईएससीएफ) कार्यक्रम का उद्देश्‍य विशेषकर स्‍मार्ट सिटी और सामान्‍य रूप से शहरी नवीकरण क्षेत्र में इच्‍छुक युवाओं को मूल्‍यवान अनुभव प्रदान करना है। यह कार्यक्रम महत्‍वपूर्ण शहरी समस्‍याओं के आधुनिक एवं व्‍यापक प्रभाव वाले समाधानों को क्रियान्वित करने के चुनौतीपूर्ण लेकिन रोमांचक कार्य में नए विचार, जुनून एवं ऊर्जा सुनिश्चित करेगा। यह कार्यक्रम युवा मार्गदर्शकों (लीडर) को तैयार करेगा, भारतीय शहरी क्षेत्र के बारे में उनकी समझ को मजबूत करेगा और भविष्‍य में ज्‍यादा बड़ी अग्रणी भूमिका निभाने के लिए उन्‍हें तैयार करेगा।

   आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय शहरी नियोजन, शहरी डिजाइन, इंजीनियरिंग, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, शहरी गतिशीलता, वित्‍त, सामाजिक क्षेत्र और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के क्षेत्र में 30 युवा स्‍नातकों/स्‍नातकोत्‍तर एवं पीएचडी विद्यार्थियों की सेवाएं ‘स्‍मार्ट सिटी फेलो’ के रूप में लेगा। इनकी सेवाएं लेने की अवधि एक साल होगी, जिसे बढ़ाकर तीन साल तक किया जा सकेगा। ये फेलो आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय में स्‍मार्ट सिटी के मिशन निदेशक के कार्यालय और/अथवा चयनित स्‍मार्ट सिटी के सीईओ को विश्‍लेषण, अनुसंधान, प्रलेखन, स्‍वतंत्र आकलन इत्‍यादि के क्षेत्र में आवश्‍यक प्रदान करेंगे।

   इच्‍छुक आवेदक स्‍मार्ट नेट ( https://smartnet.niua.org) के जरिए 31 अगस्‍त, 2018 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदनों की जांच करने एवं उन्‍हें चयनित करने का काम चयन समिति करेगी।

 

इंडिया स्‍मार्ट सिटीज इंटर्नशिप (आईएससीआई) कार्यक्रम : 

   आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय विभिन्‍न राज्‍यों/शहरों में स्‍मार्ट सिटी परियोजनाओं के क्रियान्‍वयन में मदद हेतु स्‍नातक पूर्व/स्‍नातक/स्‍नातकोत्‍तर डिग्री के लिए पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों की सेवाएं ‘इंटर्न’ के रूप में लेगा। इंटर्नशिप के दौरान 6 से 12 हफ्तों तक कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। कार्यक्रम के सफल समापन पर उन्‍हें अनुभव प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इन इंटर्न को स्‍मार्ट सिटी मिशन के तहत विकास के अनेक क्षेत्रों में आवश्‍यक जानकारियां दी जाएंगी जिनमें शहरी नियोजन, शहरी डिजाइन, इंजीनियरिंग, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, शहरी गतिशीलता, वित्‍त, सामाजिक क्षेत्र और पर्यावरण से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।

    इंटर्न दरअसल स्‍मार्ट सिटी मिशन का हिस्‍सा होंगे और उन्‍हें मुख्‍यत: क्रियान्‍वयन/रिपोर्टिंग/आकलन एवं निगरानी/ज्ञान प्रबंधन/हितधारक सहभागिता/मीडिया तक पहुंच एवं इसी तरह की अन्‍य गतिविधियां सौंपी जाएंगी, जैसा कि मिशन निदेशक (स्‍मार्ट सिटी मिशन) द्वारा उन्‍हें कार्य सौंपे जाएंगे।

   इच्‍छुक आवेदक स्‍मार्ट नेटनेट ( https://smartnet.niua.org)  के जरिए साल में कभी भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इनका चयन मिशन निदेशक (स्‍मार्ट सिटी मिशन) द्वारा गठित चयन समिति द्वारा किया जाएगा।

 

स्‍मार्ट सिटी डिजिटल भुगतान पुरस्‍कार 2018 :

    स्‍मार्ट सिटी डिजिटल भुगतान पुरस्‍कार (एससीडीपीए) 2018 ‘100 स्‍मार्ट सिटी में 100 दिनों का चैलेंज’ दरअसल आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की उन पहलों का हिस्‍सा है, जिनका उद्देश्‍य भारत के शहरी निवासियों के जीवन को आसान बनाना है। इन पुरस्‍कारों का उद्देश्‍य डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और अपने-अपने शहरों में अभिनव डिजिटल भुगतान सुनिश्चित करने के लिए स्‍मार्ट सिटी का मार्गदर्शन एवं प्रेरित करना, मान्‍यता देना और उन्‍हें पुरस्‍कृत करना है।

    इस कार्यक्रम के तहत न केवल डिजिटल भुगतान में अग्रणी माने जाने वाले शहरों को पुरस्‍कृत किया जाएगा, बल्कि यह कार्यक्रम अन्‍य शहरों को भी अपने यहां डिजिटल भुगतान ढांचे को अपनाने एवं मजबूत करने और डिजिटल भुगतान को प्रोत्‍साहन के जरिए जागरूकता बढ़ाने तथा डिजिटल लेन-देन के लिए नागरिकों को अनेक विकल्‍प देने के लिए प्रोत्‍साहित करेगा।  

   चैलेंज की अवधि पुरस्‍कारों के शुभारंभ से लेकर अगले 100 दिनों तक होगी। इससे स्‍मार्ट सिटी में डिजिटल भुगतान परिदृश्‍य विकसित होगा। दो चरणों की प्रक्रिया के आधार पर पुरस्‍कार दिए जाएंगे। पुरस्‍कार कार्यक्रम के लिए निर्धारित समय कुछ इस तरह से है :

 

  • पहले चरण के लिए प्रतिक्रियाओं या जवाब का प्रस्तुतिकरण : 15 सितंबर
  • पहले चरण के लिए चयन की घोषणा : 30 सितंबर
  • दूसरे चरण के आकलन के लिए टेम्‍पलेट का साझाकरण : 15 अक्‍टूबर (टेम्‍पलेट को केवल च‍यनित शहरों के साथ ही साझा किया जाएगा)
  •  दूसरे चरण के लिए प्रतिक्रियाओं या जवाब का प्रस्तुतिकरण : 30 अक्‍टूबर
  • अंतिम परिणाम : तिथियों की घोषणा बाद में की जाएगी।

 

   आकलन के उद्देश्‍य से स्‍मार्ट सिटी को उनकी आबादी के आधार पर चार विभिन्‍न श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। शहरों की श्रेणियों का उल्‍लेख नीचे किया गया है :

 

 

शहरी की श्रेणी

आबादी

श्रेणी 1

 5 लाख से कम

श्रेणी 2

5 – 10 लाख

श्रेणी 3

1 मिलियन – 4 मिलियन

श्रेणी 4

4 मिलियन से अधिक

  प्रत्‍येक श्रेणी में तीन पुरस्‍कार दिए जाएंगे। अत: इस कार्यक्रम के तहत कुल मिलाकर 12 पुरस्‍कार दिए जाएंगे। ये पुरस्‍कार निम्‍नलिखित हैं :

 

  • सर्वोत्‍तम डिजिटल भुगतान अनुकूलक
  • सर्वोत्‍तम डिजिटल भुगतान अन्वेषक
  • डिजिटल भुगतान पर फोकस करने वाली सबसे तेजी से बढ़ती स्‍मार्ट सिटी

 

स्‍मार्ट सिटी डिजिटल भुगतान पुरस्‍कार (एससीडीपीए) का विस्‍तृत विवरण स्‍मार्टनेट पोर्टल पर उपलब्‍ध है।

 

सिटीज इन्‍वेस्‍टमेंट टू इनोवेट, इंटीग्रेट एंड सस्‍टेन (सिटीज) चैलेंज :

   जब स्‍मार्ट सिटी मिशन का शुभारंभ 25 जून, 2015 को हुआ था, तब 100 स्‍मार्ट सिटी के चयन के लिए एक प्रतिस्‍पर्धी एवं चैलेंज प्रक्रिया का उपयोग किया गया था। अब चैलेंज प्रक्रिया को नीति आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप परियोजना के क्रियान्‍वयन के लिए अमल में लाया जा रहा है। इन दिशा-निर्देशों के तहत भारत-फ्रांस साझेदारी कार्यक्रम के तहत अखिल भारतीय चैलेंज के जरिए कम से कम 15 परियोजनाओं का चयन किया जाएगा, जो इन चार क्षेत्रों से जुड़ी होंगी – टिकाऊ गति‍शीलता, सार्वजनिक खुला स्‍थान, शहरी गवर्नेंस एवं आईसीटी और कम आय वाली बस्तियों में सामाजिक एवं संगठनात्‍मक नवाचार। इस कार्यक्रम की अवधि तीन साल (वित्‍त वर्ष 2018-19 से लेकर वित्‍त वर्ष 2020-21 तक) होगी।

 

स्‍थानीय क्षेत्र योजना (लैप) और शहरी नियोजन योजना (टीपीएस) :

     स्‍थानीय क्षेत्र योजना (लैप) और शहरी नियोजन योजना (टीपीएस) को ‘अमृत’ के तहत तैयार किया गया है, ताकि क्रमश: ब्राउनफील्‍ड क्षेत्रों (शहर के वे हिस्‍से जो पहले ही विकसित हो चुके हैं, लेकिन मौजूदा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं पर पड़ रहे दबाव को झेलने में सक्षम नहीं हैं) और ग्रीनफील्‍ड क्षेत्रों (शहर की परिधि वाले क्षेत्र जहां बेतरतीब वृद्धि और विकास की आशंका रहती है) में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को विकसित करने के लिए समुचित नियोजन सुनिश्चित किया जा सके। इन योजनाओं को प्रायोगिक आधार पर 25 चयनित शहरों में क्रियान्वित किया जाएगा



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