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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Mon ,09 Jul 2018 09:07:14 am |
समाचार नाऊ ब्यूरो रांची : समाज कल्याण निदेशालय ने दो वर्ष पहले करीब 3.24 करोड़ रुपये खर्च कर 5400 स्मार्ट मोबाइल फोन खरीदे थे. पर औसतन छह हजार कीमत वाले इन मोबाइल में अब तक सिम ही नहीं डाला गया. ये सभी बेकार पड़े हैं.
कार्बन कंपनी के इन सभी मोबाइल फोन की बैटरी खराब होने की आशंका जतायी जा रही है. इन मोबाइल फोन की खरीद कुपोषण से अधिक प्रभावित सात चयनित जिलों दुमका, लातेहार, पलामू, चतरा, लोहरदगा, प सिंहभूम व सरायकेला की कुल 63 आइसीडीपी के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाअों को देने के लिए की गयी थी. इनका इस्तेमाल आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनीटरिंग और सेविकाओं, बच्चों व महिलाओं से संबंधित रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए किया जाना था.
सेविकाओं को अपने यहां आनेवाले बच्चों, किशोरियों व महिलाअों की तस्वीरें भी तय व्यवस्था के तहत मुख्यालय को भेजनी थी. पर कुल 63 में से सिर्फ 30 आइसीडीपी में ही करीब पांच हजार स्मार्ट मोबाइल फोन बांटे गये. शेष 33 प्रोजेक्ट एरिया में समाज कल्याण विभाग व निदेशालय की सुस्ती के कारण मोबाइल फोन नहीं बंट सके हैं. यह मामला मुख्य सचिव के समक्ष भी उठ चुका है.मोबाइल फोन रखा तो था, पर अब 10 दिनों के अंदर इसका इस्तेमाल शुरू हो जायेगा. इनका सिम मंगा लिया गया है. सभी मोबाइल पर सरकार का फोन होने संबंधी पहचान के लिए छपाई होगी, उसका प्रारूप भी केंद्र से मिल गया है. सभी मोबाइल प्रेस को भेजे जायेंगे. 10 दिनों में पूरी तैयारी हो जायेगी. - मनोज कुमार, निदेशक समाज कल्याण
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