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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Mon ,09 Jul 2018 09:07:08 am |
समाचार नाऊ ब्यूरो नयी दिल्ली : जदयू ने साफ किया कि वह 2019 का आम चुनाव एनडीए के साथ लड़ेगा. साथ ही 2020 में होनेवाले बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही चेहरा होंगे. आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार में सीटों के तालमेल और संगठन विस्तार को लेकर रविवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में विचार किया गया.
इसमें सीटों के तालमेल पर फैसला लेने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को सौंप दी गयी. बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें बिहार के बाहर जदयू के राजनीतिक तौर पर सक्रिय भूमिका निभाने की बात की गयी है. अगले साल होने वाले पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में जदयू सीमित सीटों पर पूरी ताकत के साथ लड़ेगा. बैठक में भले ही बिहार में एनडीए के साथ रहने की बात की गयी है, लेकिन पार्टी ने सांप्रदायिकता के मामले में किसी तरह के समझौते से साफ इन्कार किया. सीटों के बंटवारे पर पार्टी की ओर से कहा गया है कि इस पर अभी किसी तरह की चर्चा नहीं हुई है.
जब हमारे पास प्रस्ताव आयेगा, तब विचार किया जायेगा. पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इस पर भी जदयू की बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई. कार्यकारिणी ने पार्टी में किसी भी तरह का फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अधिकृत किया है. कार्यकारिणी ने एक स्वर में नीतीश कुमार को पार्टी के हित में जो भी उचित हो, वह फैसला लेने को कहा है.
कार्यकारिणी में लिये गये फैसले की जानकारी देते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि जो भी लोग कांग्रेस के साथ आने की बयान दे रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि महागठबंधन से अलग होने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर राजद को अपने भ्रष्टाचार पर अपनी स्थित स्पष्ट करने के लिए उन्हें हस्तक्षेप करने को कहा था.
पार्टी को भरोसा था कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राहुल गांधी किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे, लेकिन वह इस मामले में चुप रहे. उसके बाद मुख्यमंत्री ने इस्तीफा देकर एनडीए के साथ सरकार बनायी. इसलिए कांग्रेस पहले राजद जैसे भ्रष्टाचारी पार्टी से अलग हो.
हालांकि, यह पूछे जाने पर कि राजद से कांग्रेस संबंध तोड़ लेती है, तो जदयू-कांग्रेस का गठबंधन संभव है, त्यागी ने कहा कि ऐसा होना संभव नहीं है. एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू अलग-अलग पार्टी हैं. लेकिन हम अपनी विचारधारा से किसी भी तरह का समझौता नहीं कर सकते हैं. पार्टी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग भी की. त्यागी ने कहा कि इस बैठक में सीटों के तालमेल को लेकर कोई विचार नहीं किया गया. अभी इस बारे में भाजपा अध्यक्ष की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया है, जब प्रस्ताव आयेगा तो पार्टी विचार करेगी. जदयू ने साफ किया कि 2020 का विधान सभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जायेगा
पार्टी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बैठक में कहा कि उनकी पार्टी को बिहार में हाशिये पर नहीं लाया जा सकता और जो लोग ऐसा सोच रहे हैं, वे खुद ही हाशिये पर चले जायेंगे. नीतीश कुमार ने जोर दिया कि वह हमेशा भ्रष्टाचार , अपराध और सांप्रदायिकता के खिलाफ रहे हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी यह टिप्पणी उनके प्रतिद्वंद्वियों के साथ-साथ सहयोगी के लिए भी संदेश है.
प्रस्ताव में जदयू ने देश में लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर सैद्धांतिक सहमति दी है, लेकिन इसमें आनेवाली व्यावहारिक दिक्कतों को दूर करने के साथ ही इस पर आम सहमति बनाने पर जोर दिया है. पार्टी का मानना है कि एक साथ चुनाव होने से ब्लैक मनी पर करारा प्रहार होगा. साथ ही विकास के काम अवरुद्ध नहीं होंगे, लेकिन इस पर सभी दलों से बात कर आम सहमति बनाकर व्यावहारिक दिक्कतों को दूर करने की जरूरत है.
जदयू ने असम में नागरिकता (संशोधन) विधयेक-2016 लागू किये जाने पर असहमति जतायी है. जदयू के सांसद और राज्यसभा में पार्टी के उपनेता हरिवंश ने कहा कि इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों यथा हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों, जिन्होंने बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश किया हो अथवा जिनके दस्तावेजों की वैधता समाप्त हो गयी हो, को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदन देने के लिए योग्य बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. पार्टी का मानना है कि यह विधेयक धर्म पर आधारित है और यह इसलिए हमारे संविधान में वर्णित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के विरुद्ध है.
जदयू ने भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी है कि बिहार में हिंदुओं को दबाया जा रहा है. पार्टी ने इसे आपत्तिजनक और गैर जिम्मेदार बयान माना है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सांप्रदायिकता से जदयू कभी समझौता नहीं करेगा. बिहार में जितनी हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई सुरक्षित हैं, उतना देश के किसी भी कोने में सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह केंद्रीय मंत्रीमंडल के सदस्य हैं.
इसलिए वह जो कर रहे हैं, वह ठीक नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह जो कर रहे हैं, उसमें उनकी भावना भी सही नहीं है. इस तरह की घटना समाज में तनाव पैदा करने वाली है. उन्होंने कहा महात्मा गांधी, राममनोहर लोहिया और जयप्रकाश जो भी हमारे पूर्वज हैं. वे हमेशा समाज में तनाव खत्म करने के पक्षधर थे. जदयू भी इसका पक्षधर है.
उन्होंने कहा कि भाजपा की विचारधारा अलग है और जदयू जिस विचारधारा पर चल रहा है, वह समाजवादी है. हमारे विचारधारा में कभी बदलाव न आया है और न कभी आयेगा. मालूम हो कि गिरिराज सिंह ने रविवार को नवादा दंगे के आरोपितों के परिजनों मुलाकात की और उनकी गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर नीतीश सवाल उठाते उक्त बयान दिया
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