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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Wed ,02 May 2018 03:05:02 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - दिवाला एवं दिवालियापन संहिता, 2016 एक आधुनिक आर्थिक विधान है। इस संहिता की धारा 240 के तहत भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) को विनियम बनाने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तों को ध्यान में रखना आवश्यक है, जैसे कि संबंधित विनियम इस संहिता और इसके तहत बनाए गए नियमों के अनुरूप होने चाहिए। इसी तरह ये विनियम सरकारी राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के जरिए बनाए जाने चाहिए।
उपर्युक्त बातों को ध्यान में रखते हुए आईबीबीआई ने इस संहिता के तहत पहले ही अधिसूचित किये जा चुके विनियमों पर हितधारकों सहित आम जनता से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं। 30 अप्रैल, 2018 से लेकर 31 दिसंबर, 2018 तक प्राप्त होने वाली संबंधित टिप्पणियों की प्रोसेसिंग एक साथ की जाएगी और निर्धारित प्रक्रिया अपनाने के बाद विनियमों को उस हद तक संशोधित किया जाएगा, जितना आवश्यक होगा। आईबीबीआई संशोधित विनियमों को 31 मार्च, 2019 तक अधिसूचित करने और 01 अप्रैल, 2019 से इन्हें अमल में लाने के लिए अपनी ओर से भरसक कोशिश करेगा। इसी तरह की प्रक्रिया पिछले साल अपनाई गई थी और तत्पश्चात अनेक विनियमों को 01 अप्रैल, 2018 से संशोधित किया गया।
यह स्पष्ट किया जाता है कि यह प्रक्रिया मसौदा विनियमों को अधिसूचित करने से पहले उन पर सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित करने की वर्तमान अवधारणा के अतिरिक्त है
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