top banner

Breaking News

गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर, पटना में बाढ़ का खतरा बिहार में बाढ़- 4 किमी नांव की डोली बना अपनी दुल्हन लेने पहुंचा लड़का चिराग को छोड़कर गए लोगों का नहीं है कोई जनाधार- कांग्रेस सुशांत मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव का बयान, राजगीर मेंं बनने वाली फिल्म सिटी का नाम हो सुश बिहार में बाढ़ से 22 जिलों की हालत बदहाल, 82 लाख लोग हुए हैं प्रभावित सुशांत सिंह मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, सीबीआई करेगी मामले की जांच नीतीश कुमार ने दिया शिक्षकों को तोहफा, पूरे बिहार में कहीं भी ले सकते हैं तबादला नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की नई सेवा शर्त लागू कर खेला 'मास्टर स्ट्रॉक' MenstrualHygieneDay पर जागरूकता के लिए उठाए जा रहे कदम, पर कम नहीं आलोचनाओं का जोर जद (यू0)- दलित-महादलित प्रकोष्ठ की राज्य कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक गया में युवती से बलात्कार के बाद हत्या नियोजित शिक्षकों ने कहा जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं तो आंदोलन आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका का हड़ताल काफी दुखद- कृष्ण नंदन वर्मा मोतिहारी- २०१९ की चुनाव तैयारी में जुटा जिला प्रशासन रामगढ़- पतरातू डैम परिसर में अवैध पार्किंग टिकट के नाम पे वसूली


बच्चों को मनोवैज्ञानिक आघात से बचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : डॉ. वीरेंद्र कुमार 

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Wed ,02 May 2018 02:05:41 pm |


समाचार नाऊ ब्यूरो -  नई दिल्ली में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार व अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा आयोजित मनोवैज्ञानिक आघात, बाल संरक्षण तथा मानसिक रुग्णता पर दो दिवसीय प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास व अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार द्वारा किया गया। यह सम्मलेन अपने प्रकार का पहला सम्मेलन है जिसमें मनोवैज्ञानिक आघात व उससे उत्पन्न हुयी मानसिक बिमारियों पर इस क्षेत्र के विशेषज्ञ व प्रबुद्ध व्यक्ति भाग लेकर समाज की इस गंभीर समस्या पर अपने विचार रखते हुए इससे बच्चों को बचाने के उपायों पर मंथन करेंगे।

अपने उद्घाटन सम्बोधन में बोलते हुए माननीय राज्यमंत्री ने कहा कि मनोवैज्ञानिक आघात एक व्यापक शब्द है जिसमें कई प्रकार के अनुभव व हालत शामिल हो सकते हैं जैसे अवैध मानव व्यापार, शारीरिक और यौन शोषण या आक्रमण, युद्ध, पीड़ा, प्राकृतिक आपदा,अपहरण, घरेलू हिंसा, दुर्घटना इत्यादि। यह एक ऐसा विषय है जिसमें सबको ध्यान देना होगा व उचित समाधान के प्रयास करने होंगे क्योंकि बाल्यावस्था में हुए ऐसे आघातों का प्रभाव जीवनपर्यन्त रहता है। हमारी सरकार बच्चों सहित सभी के विकास के लिए समग्र स्वास्थ्य देखरेख को समाज के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण मानती है व इस पर कार्य हेतु प्रतिबद्ध है। माननीय राज्यमंत्री ने सम्मेलन स्मारिका का भी विमोचन किया

इस सम्मेलन में आयोजन समितिके अध्यक्ष प्रो.आर के चड्डा, डॉ. सुजाता सत्पथी, संयुक्त सचिव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय आस्था खटवानी व राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एन सी पी सी आर) अध्यक्ष स्तुति कक्कड़ ने भी अपने विचार रखे।



Related News


देश में कोरोना की दूसरी लहर, 80 प्रतिशत संक्रमितों में

होली में केमिकल वाले रंगों से परहेज जरूरी, कलर छुड़ाने

MenstrualHygieneDay पर जागरूकता के लिए उठाए जा रहे कदम, पर

राष्ट्र निर्माण में राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेटों की

अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे आवश्यक है पौष्टिक भोजन- PM

भारत ने जैव विविधता सम्‍मेलन (सीबीडी) को छठी राष्‍ट्रीय रिपोर्ट

अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2019 सीजन के लिए खोपरा के न्‍यूनतम

दिल्ली को वायु एवं जल प्रदूषण से मुक्त करने के

आंध्र प्रदेश के वाईएसआर कडप्पा जिले में इस्पात संयंत्र की

केन्द्र ने प्याज किसानों के लिए निर्यात प्रोत्साहन को दोगुना

भाजपा एक बार फिर मंदिर मंत्र के भरोसे फतेह की

Follow Us :

All rights reserved © 2013-2025 samacharnow.com