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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Sat ,31 Mar 2018 02:03:52 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो निर्णय: ग्रेच्युटी का भुगतान (संशोधन) अधिनियम 2018 जिसे लोकसभा ने 15 मार्च 2018 और राज्य सभा ने 22 मार्च 2018 को पारित किया था, उसे 29 मार्च 2018 से लागू कर दिया गया
पृष्ठभूमि: ग्रेच्युटी का भुगतान अधिनियम, 1972 उन सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होता है जिसमें 10 या इससे अधिक कर्मी होते हैं। इस कानून का मुख्य उद्देश्य कामगारों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है, चाहे यह सेवानिवृत्ति की वजह से हो या शारीरिक अपंगता या फिर शरीर के किसी महत्वपूर्ण अंग के काम करना बंद करने की वजह से हो। इस प्रकार ग्रेच्युटी का संशोधन अधिनियम, 1972 उद्योगों, कारखानों और प्रतिष्ठानों में काम करने वाली जनता की सामाजिक सुरक्षा के लिये एक महत्वपूर्ण कानून है।
2. वर्तमान में इस कानून के तहत ग्रेच्युटी के भुगतान की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये है। केंद्रीय कर्मचारियों के लिये केंद्रीय कर्मचारी सिविल सेवा (पेंशन) विनियम 1972 के तहत ग्रेच्युटी भुगतान के नियम भी इससे मिलते जुलते हैं। सातवें वेतन आयोग के तहत सीसीएस (पेंशन) विनियम, 1972 के तहत अधिकतम भुगतान सीमा 10 लाख रुपये थी। लेकिन सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों के मामले में इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया था।
3. इसलिये निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों के लिये भी महंगाई और वेतन में वृद्धि को देखते हुये सरकार ने तय किया कि जो कर्मी ग्रेच्यटी का भुगतान कानून, 1972 के दायरे में हैं उनके लिये भी अधिकतम भुगतान की सीमा को परिवर्तित किया जाना चाहिये। इसलिये सरकार ने ग्रेच्युटी का भुगतान कानून, 1972 में संशोधन की प्रक्रिया आरंभ की ताकि अधिकतम सीमा को केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाया जा सके। और अब सरकार ने 20 लाख रुपये की अधिकतम सीमा को अधिसूचित कर दिया है।
4. इसके अलावा सरकार ने महिला कर्मियों के लिये ग्रेच्युटी के भुगतान के लिये निरंतर सेवा में रहने की परिभाषा को भी बदला है और अब इसे 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है।
मुख्य प्रभाव: संसद के दोनों सदनों ने इसे पारित किया, माननीय राष्ट्रपति ने इसे अपनी मंजूरी दी और सरकार ने इसे अधिसूचित कर दिया है। यह निजी क्षेत्र और सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के उन कर्मियों के बीच समानता स्थापित करेगा जो कि सीसीएस (पेंशन) अधिनियम के दायरे के बाहर थे। ये कर्मचारी भी सरकारी क्षेत्र के अपने समकक्षों के समान ज्यादा ग्रेच्युटी के भुगतान के हकदार होंगे।
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