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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,29 Mar 2018 03:03:20 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो रांची : झारखंड में नक्सली बंदी से पहले ही हजारीबाग जिले में दो लोगों की हत्या से लोग सहम गये. जिले के चुरचू प्रखंड स्थित आंगो नवाडीह केश्यामलाल महतो (30) और घनश्याम महतो की 28 मार्च की देर रात जंगल में ले जाकर हत्या कर दी गयी. बाद में एक को गांव में लाकर पेड़ से टांग दिया गया. बताया गया है कि आंगो थाना क्षेत्र में स्थित इस गांव के दोनों लोगों को भाकपा माओवादी दस्ते के सदस्य उनके घर से जबरन निकालकर चुरचू के जंगल में ले गये और वहां गोली मारकर इनकी हत्या कर दी. श्यामलाल और घनश्यामलाल पर पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप था. थाना प्रभारी सुदामा कुमार घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं. नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए सीआरपीएफ के जवानों के साथ स्थानीय पुलिस चुरचू के जंगल में छापामारी कर रही है. लंबे समय के बाद इस इलाके में माओवादियों की दस्तक से क्षेत्र में दहशत का माहौल है
भाकपा माओवादियों ने गुरुवार (29 मार्च) को नक्सली बंदी की घोषणा की है. शहरी क्षेत्रों में नक्सली बंदी का कोई असर नहीं है. हालांकि, नक्सल प्रभावित जिलों के गांवो में बंदी का मिला-जुला असर देखा जा रहा है. नक्सली बंदी से पहले पश्चिमी सिंहभूम के किरीबुरू में झारखंड-ओड़िशा की सीमा पर कुछ माओवादी देखे गये हैं. इसके बाद से पुलिस, प्रशासन एवं सीआरपीएफ के जवान अलर्ट पर हैं. नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं. सूत्रों ने जानकारी दी है कि भाकपा माओवादियों का एक हथियारबंद दस्ता सारंडा जंगल के झारखंड-ओड़िशा सीमावर्ती क्षेत्रों में निरंतर स्थान बदल-बदल कर रह रहा है. दस्ते को 24 मार्च को ओड़िशा के केवलंग थाना क्षेत्र के तोपाडीह जंगल क्षेत्र से कुछ किलोमीटर की दूरी पर देखा गया. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस दस्ते ने सारंडा जंगल में प्रवेश किया या ओड़िशा के ही जंगल में कहीं शरण ले रखी है
सूत्रों का कहना है कि इस दस्ते को 15 दिन पूर्व ओड़िशा के गुरूंडिया एवं शंकरडीह के जंगलों में दो दिन तक देखा गया था. यहां नक्सलियों ने भोजन पकाकर खाया था. बताया जा रहा है कि नक्सली दस्ता संगठन को विस्तार देने के उद्देश्य से नये एवं पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से जोड़ने की तैयारी में जुटा है. आशंका जतायी जा रही है कि किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं.
इसके बाद से ही पुलिस-प्रशासन एवं सीआरपीएफ के पदाधिकारियों ने सुुरक्षा के व्यापक प्रबंध कर रखे हैं. रेलवे स्टेशनों, सरकारी, गैर सरकारी उपक्रमों, मुख्य सड़क मार्गों, मोबाइल टावरों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. ज्ञात हो कि 5 मार्च को गिरिडीह के डुमरी थाना के बनपुरा (अकबकीटांड़) से गिरफ्तार नक्सलियों को पुलिस द्वारा कथित तौर पर शारीरिक यातना देने के खिलाफ नक्सलियों ने बंदी की घोषणा की है
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को नक्सली बंदी को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये हैं. सभी थाना पुलिस, पेट्रोलिंग पुलिस, हाइवे पेट्रोलिंग को हाइ अलर्ट पर रहने के निर्देश दिये गये हैं. कहीं कोई अप्रिय घटना न घटे, इसके लिए नक्सल इलाकों में अभियान चलाया जा रहा है.
बंदी के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों को चौकस रहने के लिए कहा गया है. नक्सल प्रभावित इलाकों से गुजरने वाली ट्रेनों की सुरक्षा के लिए विशेष तौर पर निगरानी करने के लिए कहा गया है
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