top banner

Breaking News

गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर, पटना में बाढ़ का खतरा बिहार में बाढ़- 4 किमी नांव की डोली बना अपनी दुल्हन लेने पहुंचा लड़का चिराग को छोड़कर गए लोगों का नहीं है कोई जनाधार- कांग्रेस सुशांत मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव का बयान, राजगीर मेंं बनने वाली फिल्म सिटी का नाम हो सुश बिहार में बाढ़ से 22 जिलों की हालत बदहाल, 82 लाख लोग हुए हैं प्रभावित सुशांत सिंह मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, सीबीआई करेगी मामले की जांच नीतीश कुमार ने दिया शिक्षकों को तोहफा, पूरे बिहार में कहीं भी ले सकते हैं तबादला नीतीश सरकार ने नियोजित शिक्षकों की नई सेवा शर्त लागू कर खेला 'मास्टर स्ट्रॉक' MenstrualHygieneDay पर जागरूकता के लिए उठाए जा रहे कदम, पर कम नहीं आलोचनाओं का जोर जद (यू0)- दलित-महादलित प्रकोष्ठ की राज्य कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक गया में युवती से बलात्कार के बाद हत्या नियोजित शिक्षकों ने कहा जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं तो आंदोलन आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका का हड़ताल काफी दुखद- कृष्ण नंदन वर्मा मोतिहारी- २०१९ की चुनाव तैयारी में जुटा जिला प्रशासन रामगढ़- पतरातू डैम परिसर में अवैध पार्किंग टिकट के नाम पे वसूली


राष्ट्रपति ने संविधान दिवस समारोह का उद्घाटन किया

By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Tue ,28 Nov 2017 04:11:01 pm |


समाचार नाऊ ब्यूरो - भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज नई दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह का उद्घाटन किया। 26 नवम्बर, 1949 को भारत का संविधान पारित किए जाने की वर्षगांठ मनाने के सिलसिले में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा संविधान गतिहीन नहीं है, बल्कि एक जीवंत दस्तावेज है। संविधान सभा इस बात के प्रति सजग थी कि संविधान को नए धागों से अंतर-गुंथित करने की आवश्यकता पड़ेगी। गतिशील जगत में लोगों की सेवा करने का यह उत्कृष्ट तरीका है। पिछले वर्षों में संसद ने संविधान में अनेक संशोधन किए हैं। 

राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान एक अमूर्त आदर्श मात्र नहीं है, इसे देश की हर गली, हर गांव और हर मोहल्ले में आम जनता के जीवन को सार्थक बनाना होगा। संविधान को रोजमर्रा के अस्तित्व से जुड़ना होगा और उसे अधिक सुरक्षित बनाना होगा। 

राष्ट्रपति ने कहा कि संवैधानिक परियोजना का केंद्र बिंदु विश्वास था – एक दूसरे पर विश्वास, संस्थानों के बीच विश्वास, देशवासियों की अच्छाई में विश्वास और भावी पीढ़ियों की बुद्धिमता पर विश्वास। उन्होंने कहा कि विश्वास की यह भावना संवैधानिक शासन में अंतर्निहित है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा संविधान राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र का एक उत्कृष्ट ढांचा तैयार करता है। यह ढांचा तीन सिद्धांतों या स्तंभों : स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे पर आधारित है। उन्होंने कहा कि समाज के निचले स्तर पर संविधान के मूल्यों और सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक विकास के परिणामों के प्रति बुनियादी वचनबद्धता अवश्य जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए यह जरूरी है कि हम अधीनस्थ संस्थानों को सभी क्षेत्रों में शीर्ष स्थानों के समकक्ष लाने के लिए निरंतर प्रयास करें। 

इस अवसर पर राष्ट्रपति को भारत के प्रधान न्यायधीश न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्र ने दो पुस्तकों – ‘द कंस्टिट्यूशन एट 67’ और ‘इंडियन ज्यूडिशियरीः एनुअल रिपोर्ट 2016-17’, की प्रथम प्रतियां भेंट कीं



Related News


देश में कोरोना की दूसरी लहर, 80 प्रतिशत संक्रमितों में

होली में केमिकल वाले रंगों से परहेज जरूरी, कलर छुड़ाने

MenstrualHygieneDay पर जागरूकता के लिए उठाए जा रहे कदम, पर

राष्ट्र निर्माण में राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेटों की

अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे आवश्यक है पौष्टिक भोजन- PM

भारत ने जैव विविधता सम्‍मेलन (सीबीडी) को छठी राष्‍ट्रीय रिपोर्ट

अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2019 सीजन के लिए खोपरा के न्‍यूनतम

दिल्ली को वायु एवं जल प्रदूषण से मुक्त करने के

आंध्र प्रदेश के वाईएसआर कडप्पा जिले में इस्पात संयंत्र की

केन्द्र ने प्याज किसानों के लिए निर्यात प्रोत्साहन को दोगुना

भाजपा एक बार फिर मंदिर मंत्र के भरोसे फतेह की

Follow Us :

All rights reserved © 2013-2025 samacharnow.com