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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Tue ,05 Sep 2017 05:09:46 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य सरकार भी शराबबंदी के पक्ष में है, लेकिन बिहार की तर्ज पर नहीं. बंदी के बावजूद वहां लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं और अवैध शराब का कारोबार खूब फलफूल रहा है. इस कारण बिहार की तर्ज पर सरकार राजनीतिक स्टंटबाजी के रूप में यह कदम नहीं उठाना चाहती. श्री दास सोमवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि शराब ही नहीं, हम समाज की हर बुराई खत्म करना चाहते हैं. वंचितों को मुख्यधारा से जोड़ना चाहते हैं. शराबबंदी हमारा राजनीतिक एजेंडा नहीं है. यह सामाजिक बुराई है. इसे समाप्त करने के लिए समाज को पहले जागरूक करना होगा. तभी शराबबंदी को लागू किया सकता है.
जो गांव शराबमुक्त होगा, उसे एक लाख रुपये इनाम : मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी को लेकर हम गांवों को जागरूक कर रहे हैं. जो गांव शराबमुक्त होगा, उसे एक लाख रुपये सरकार इनाम देगी.
30 फीसदी अवैध शराब बिक्री पर रोक लगी : मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि पूर्व में सरकार ही शराब दुकान चलाती रही है, फिर भी 30 फीसदी तक अवैध तरीके से शराब की बिक्री होती है. इस पर रोक लगाने के लिए सरकार चाहती है कि खुद आउटसोर्सिंग के जरिये शराब दुकानों को संचालित किया जाये. इस कारण विपक्ष गलत बयानी कर रहा है. जैसे-जैसे गांव या शहर का कोई हिस्सा शराबमुक्त होता जायेगा, शराब दुकानें स्वत: बंद होती जायेंगी.
हाइवे व आदिवासी गांवों में शराब की बिक्री नहीं : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य भर के हाइवे पर किसी तरह की शराब की बिक्री नहीं होगी. इसके अलावा 13 से 14 जिले ऐसे हैं, जो शिड्यूल एरिया के अंतर्गत आते हैं. ऐसे एरिया में जहां 50 फीसदी आदिवासी आबादी है, वहां किसी भी तरह की शराब की बिक्री नहीं होगी.
बिहार में अवैध शराब के कारोबारी को लाभ : मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू नहीं हुई है. इससे अवैध कारोबारी को लाभ हुआ है. अवैध तरीके से वहां खूब शराब बिक रही है. यह सभी को मालूम है.
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