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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Mon ,04 Sep 2017 08:09:30 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - महिला और बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी ने बच्चों के विकास और आईसीडीएस योजना के अंतर्गत संबद्ध क्षेत्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की उल्लेखनीय सेवाओं के लिए आज उन्हें नई दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। वर्ष 2016-17 के लिए कुल 51 कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत किया गया। यह पुरस्कार हर वर्ष प्रदान किए जाते हैं।
इस अवसर पर श्रीमती मेनका गांधी ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और उनसे आग्रह किया कि वे बच्चों के विकास, समुदाय को एकजुट करने और जागरूकता पैदा करने के लिए समर्पण की भावना से कार्य करते रहें। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायक बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि आईसीडीएस के अंतर्गत देश भर में इन अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को छोटे बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी दी गई है।
श्रीमती मेनका गांधी ने कहा कि अब तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका बच्चों और स्तनपान कराने वाली माताओं को भोजन के वितरण के आसपास घूमती थी। लेकिन सरकार अब आंगनवाडि़यों के प्री-स्कूल शिक्षा केन्द्रों में रूप में कार्य करने पर जोर दे रही है। इसके परिणामस्वरूप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री-स्कूल अध्यापक बनाने का प्रशिक्षण देने के लिए बड़े पैमाने पर कवायद शुरू की गई है। इस समय देश भर के 14 लाख आंगनवाड़ी केन्द्रों में करीब 27 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायक हैं।
इससे पूर्व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महिला और बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णा राज ने कहा कि आंगनवाडि़यां स्वच्छ भारत मिशन में बड़े पैमाने पर योगदान दे सकती हैं। ऐसा पोषण को स्वच्छता से जोड़कर यानी बच्चों और स्तनपान कराने वाली माताओं को स्वच्छ वातावरण में पोषण प्रदान करके किया जा सकता है। उन्होंने पुरस्कार विजेताओं से आग्रह किया कि वे वे अन्य कार्यकर्ताओं के लिए उदाहरण बनें और उन्हें बेहतर गुणवत्ता की आईसीडीएस सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रेरित करें।
महिला और बाल विकास सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि मंत्रालय आंगनवाड़ी सेवाओं में सुधार लाने के लिए चौतरफा प्रयास कर रहा है। इस सम्बन्ध में हाल में की गई पहलों में प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना का पैन इंडिया विस्तार, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय का इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण, ईसीसीई के लिए दिशा-निर्देश, खाद्यान्न सुदृढ़ीकरण, महिला और बाल विकास मंत्रालय का ई लर्निंग पोर्टल शामिल हैं।
राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार के रूप में 25,000 रूपये नकद और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है, जबकि राज्य स्तर के पुरस्कार के रूप में 5,000 रूपये नकद और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। दिशा-निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार के लिए उन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को राज्य/संघ शासित प्रदेश स्तर के विजेताओं में से मनोनीत किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मनोनयन की संख्या राज्य/संघ शासित प्रदेशों के आकार और चल रही आईसीडीएस परियोजनाओं पर निर्भर करती है। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पुरस्कृत करने की योजना वर्ष 2000-01 में शुरू की गई थी
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