Breaking News
By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Wed ,30 Aug 2017 07:08:18 pm | Updated Date: Wed ,30 Aug 2017 07:08:17 pm
समाचार नाऊ ब्यूरो पटना : बिहार में महागठबंधन की टूट के बाद से ही यह कयास लगाये जा रहे थे कि कांग्रेस में टूट संभव है. अब जो कांग्रेस के अंदरखाने से बातें निकलकर सामने आ रही हैं, उसके मुताबिक कांग्रेस में भगदड़ की स्थिति कभी भी मच सकती है. कांग्रेस के अंदरखाने के पार्टी सूत्रों की मानें तो 27 विधायक में से 13 या 18 विधायक कभी भी जदयू का दामन थाम सकते हैं.
बिहार में एक बार फिर तेज हुई सियासी सरगर्मी के पीछे यह बताया जा रहा है कि बिहार सरकार ने 28 अगस्त को पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के बंगले को क्रमशः उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और बाकी वर्तमान मंत्रियों को आवंटित कर दिया. सवाल यह उठाया जा रहा है कि पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी के बंगले को आवंटित नहीं किया गया है. इस बात की चर्चा सियासी हलके में जोर-शोर से चल रही है कि कांग्रेस के बहुत सारे विधायक जदयू में शामिल होने को तैयार हैं.
इस बीच जैसे ही कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को इस बारे में पता चला है, उन्होंने डैमेज कंट्रोल के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह और डॉ. अशोक चौधरी को तलब किया है. पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर सदानंद सिंह दिल्ली गये हुए हैं. जानकारी के मुताबिक पार्टी में टूट की पक्की खबर मिलने के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के हाथ-पांव फूल गये हैं. वहीं, मीडिया रिपोर्ट और बाकी चर्चाओं के मुताबिक यह बताया जा रहा है कि सदानंद सिंह पार्टी में टूट को हवा दे रहे हैं. पार्टी के कई विधायक पटना में जमे हुए हैं और लगातार बैठक जारी है. विधान पार्षद दिलीप चौधरी को भी दिल्ली बुलाया गया है. बताया जा रहा है कि सदानंद सिंह के साथ अशोक चौधरी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी हैं. दल बदल कानून से बचते हुए पार्टी में टूट के लिए 18 विधायकों के समर्थन की जरूरत है, जिसके लिए अंदर ही अंदर विधायक तैयार हैं.
ज्ञात हो कि महागठबंधन भंग हो जाने के बाद से कांग्रेस और राजद के रिश्ते में भी दूरी आयी है. अभी हाल में रैली में कांग्रेस विधायकों को नहीं बुलाये जाने को लेकर एक विधायक ने तल्ख टिप्पणी की थी. बताया जा रहा है कि उसके बाद से ही यह कयास लगाया जा रहा है कि कुछ विधायक आर-पार के मूड में हैं और कभी भी जदयू का दामन थाम सकते हैं. अंदर की खबर की मानें तो हाल में सरकार के मंत्री ललन सिंह से जाकर सदानंद सिंह ने मुलाकात की थी और उसके बाद सियासी हलकों में टूट की संभावना को देखा जाने लगा था. हालांकि, डैमेज कंट्रोल के लिए पहले भी अलाकमान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और बाकी बड़े नेताओं को बिहार भेज चुकी है.
All rights reserved © 2013-2024 samacharnow.com
Developed by Mania Group Of Technology.