Breaking News
By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Sat ,26 Aug 2017 04:08:37 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो नयी दिल्ली : राजद की पटना में रविवार को होने वाली रैली में कांग्रेस के शीर्ष नेता सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी और बसपा प्रमुख मायावती के भाग नहीं लेने से विपक्षी एकता के प्रयास लड़खड़ाने लगे हैं तथा जदयू ने इसे लेकर तंज भी किया है. हालांकि विपक्ष ने दावा किया है कि इस रैली से विपक्ष, भाजपा के खिलाफ नये सिरे से बिगुल फूंकेगा. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल कल नार्वे की राजधानी ओस्लो के लिए रवाना हो गये. बताया जाता है कि सोनिया स्वास्थ्य कारणों से बाहर के कार्यक्रमों में प्राय: नहीं जा रही हैं. मायावती ने पहले ही इस रैली से अलग रहने की घोषणा कर दी है. जदयू के प्रवक्ता के सी त्यागी ने मीडिया से कहा है कि यह हमारी पार्टी के नेता शरद यादव और लालू प्रसाद के बीच भाईचारा रैली है. कुछ और नहीं.
केसी त्यागी ने कहा कि जब इस रैली की घोषणा की गयी तो हमारा गठबंधन काम कर रहा था. इस रैली के बारे में न तो हमसे और न कांग्रेस से पूछा गया था. उन्होंने कहा कि भाजपा बचाओ, देश बचाओ रैली एक नकारात्मक राजनीति है. आप कौन सा वैकल्पिक राजनीतिक और आर्थिक नजरिया देने जा रहे हैं. उन्हें बताना चाहिए कि किन बिन्दुओं पर हम भाजपा से सहमत नहीं हैं. त्यागी ने कहा कि यह कोई विपक्षी एकता नहीं होती. माकपा नेता प्रकाश करात ने लिखा है कि यह नकारात्मक राजनीति है. इसका सबसे बड़ा आकर्षण मायावती थीं. अगर इनके साथ मायावती आ जाती तो मुकाबले की स्थिति बनती. पर वह भी नहीं बनी.
जदयू नेता ने कहा कि मायावती ने इससे अपने को अलग कर उत्तर भारत में एकजुट विपक्ष की संभावना को ही समाप्त कर दिया. उन्होंने कहा कि दूसरी बात है कि व्यक्तियों को केंद्रित मान आयोजित की गयी इस रैली से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने भी किनारा कर लिया है. सोनिया गांधी का न जाना, राहुल गांधी का न जाना. कांग्रेस जो सबसे बडी पार्टी है, उसने भी आइना दिखा दिया है. सूत्रों के अनुसार इस रैली में माकपा की ओर से भी किसी के भाग लेने के आसार नहीं है. बताया जाता है कि माकपा के इस रैली से दूरी का कारण इसमें तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी की शिरकत है. कांग्रेस की ओर से इस रैली में वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और बिहार प्रभारी डा. सी पी जोशी भाग लेंगे
विपक्ष की एकता और राजद की पटना रैली के बारे में सवाल किये जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. सी पी जोशी ने कहा कि विपक्ष की एकता अभी शुरुआती चरण में है. इसका स्वरूप धीरे धीरे उभर रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं उपाध्यक्ष राहुल गांधी के इस रैली में भाग नहीं लेने के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि हर नेता की अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्ततायें होती हैं. इसलिए विपक्ष की एकता सफल-असफल होगी, इस बारे में कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगा. कांग्रेस की ओर से प्रमुख नेता इस रैली में भाग लेंगे. जोशी ने कहा कि अभी राजनीतिक परिदृश्य ही यही है कि भाजपा हटाओ, देश बचाओ. इसी के संदर्भ में कांग्रेस नेता रैली में मुद्दे उठायेंगे.
राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने इस बारे में कहा कि इस रैली का एक मकसद विपक्ष को एकजुट करना है. रैली में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, सपा के अखिलेश यादव, भाकपा के सुधाकर रेड्डी, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद और सीपी जोशी तथा अन्य दलों के प्रमुख नेता आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें जिस तरह से विपक्ष के नेता और उनके परिजनों को झूठे मामलों में फंसा रही है और विभिन्न मोर्चों पर अपनी विफलता को छिपा रही है, उसको सामने लाना जरूरी है. तिवारी ने कहा कि आरएसएस की मूलभूत विचारधारा संविधान की आत्मा को मारना है. दुखद बात है कि इस विचाराधारा से जुड़ी भाजपा पार्टी राजनीतिक रूप से मजबूत हो रही है.
तिवारी ने कहा कि भाजपा की केंद्र एवं राज्य सरकारों को कांग्रेस से कम और क्षेत्रीय दलों से अधिक खतरा है. इसीलिए क्षेत्रीय दलों के नेताओं और उनके परिजनों को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है. भाजपा के तमाम नेताओं पर बहुत से आरोप लगाये गये हैं. किन्तु उन्हें विपक्षी नेताओं का भ्रष्टाचार ही दिख रहा है. इस रैली में राकांपा की ओर से शिरकत करने जा रहे पार्टी नेता तारिक अनवर ने कहा कि यह रैली निश्चित तौर पर विपक्षी एकता के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यह सही है कि मायावती इस रैली में भाग नहीं ले रही किन्तु अन्य सभी प्रमुख विपक्षी दलों की इसमें भागीदारी रहेगी. यहां से भाजपा के खिलाफ बिगुल बजेगा. उन्होंने कहा कि भले ही कांग्रेस की ओर से सोनिया एवं राहुल नहीं जा रहे हों किंतु पार्टी के अन्य प्रमुख नेता तो इसमें जायेंगे.
All rights reserved © 2013-2024 samacharnow.com
Developed by Mania Group Of Technology.