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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Sat ,19 Aug 2017 08:08:16 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो पटना : जदयू नेता शरद यादव ने पार्टी पर दावा करते हुए कहा कि जदयू मेरी पार्टी हे. जिस घर को हमने बनाया व बचाया उसे ही घर से बेघर करने की बात कही गयी. लोग कह रहे हैं कि यह उसका घर नहीं है. अपने विरोधियों पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि हमने राह नहीं बदली. उन्होंने राह बदली है. राह बदलनेवाले का जनता फैसला करेगी. शनिवार को श्रीकृृष्ण मेमोरियल हॉल में जदयू पार्टी के दूसरे गूट द्वारा आयोजित जन अदालत का फैसला है, महागठबंधन जारी है कार्यक्रम में शरद यादव बोल रहे थे.उन्होंने कहा कि मैं जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग लेने आया था लेकिन वो कहते हैं कि ये पार्टी आपकी है ही नहीं. पुराने जनता दल को एक करने के लिए सबको मिलाने का काम किये, लेकिन मुलायम सिंह यादव का जिक्र करते हुए कहा कि पहले नेता जी और अब नीतीश ने जनता परिवार को एक नहीं होने दिया.मुझे किसी पद की चिंता और लालच नहीं है क्योंकि मैंने कई लोगों को विधायक व मंत्री बनाया है.मैं केवल तमाम समाजवादियों को एक मंच पर देखना चाहता हूं.
जदयू के वरिष्ठ व बागी नेता द्वारा श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बुलायी गयी 'जन अदालत' में अली अनवर ने कहा कि बिहार को बचाने की लड़ाई की योजना बनानी है. बिहार देश को नया रास्ता दिखाता रहा है. वर्ष 2015 में भी बिहार ने देश को एक नयी राह दिखायी थी. उसी रास्ते पर हम आगे भी चलते रहेंगे. इसका संकल्प लेने के लिए ही हम 'जन अदालत' में शामिल हुए हैं.
मैं एनडीए का हिस्सा नहीं बना, यही मेरा गुनाह
मैं 26 जुलाई, 2017 की पूरी रात जगा रहा. पूरे देश से फोन आ रहे थे. मेरा जमीर इस बात की इजाजत नहीं देता, कि 'वो' जहां गये हैं, मैं भी चला जाऊं. यही मेरा गुनाह था. बहरहाल, शरद जी ने ठीक ही कहा कि किसी व्यक्ति का नाम नहीं लेना है. यह लड़ाई उसूलों की है. हम आगे कैसे लड़ेंगे, इसकी है. यह सिर्फ बिहार का मसला नहीं है. मुसलमानों का मसला नहीं है. दलितों का मसला नहीं है. किसी जात-बिरादरी और किसी सूबे का नहीं है, पूरी जम्हूरियत का है. हमारे संविधान का है. प्रजातंत्र का है.
26 जुलाई को आया था जलजला
बिहार की कोसी में आयी बाढ़ की भयावहता की तुलना नीतीश कुमार के इस्तीफे से करते हुए अली अनवर ने कहा कि बिहार में आये सैलाब में अब तक 153 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसा ही जलजला 26 जुलाई को भी आया था. राजनीति की एक धारा ने अपनी दिशा बदल ली. हमारे पास हेलिकॉप्टर नहीं है. हवाई सर्वेक्षण नहीं कर सकते. बाढ़पीड़ितों तक ट्रक में सामान नहीं ले जा सकते. क्योंकि, हमलोग खुद बाढ़पीड़ित हैं. एक बाढ़पीड़ित दूसरे बाढ़पीड़ित को जो मदद कर सकता है, वह हम कर सकते हैं. शरद यादव जी ने दो टीमें बनायी है. एक मेरे नेतृत्व में और दूसरा रमई राम के नेतृत्व में.
हमलोगों के निशाने पर कोई व्यक्ति नहीं है. यह सिर्फ किसी सूबे की बात नहीं है. मुल्क की बात है. किसान हमारे देश के मेरूदंड हैं. खेती और किसानी आज संकट के दौर में है. हमारे खेत मजदूर और किसान भूखे मर रहे हैं. गोरखपुर की घटना से दुनिया में शर्म का अहसास हुआ. 'एक व्यक्ति' जो दिल्ली के लालकिले से कहा था, हर साल देश के दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देंगे. वह रोजगार छिनने का काम कर रहे हैं. मुसलमानों में बेचैनी है, दलितों में बेचैनी है. पूरे देश में एक बेचैनी है. हम इस देश के अकलियत के लोग नहीं, हम अक्सरियत के लोग हैं, बहुजन हैं, मूल निवासी हैं.
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