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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,17 Aug 2017 12:08:13 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - नीतीश कुमार के साथ राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने का सपना देखनेवाले झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के नेता बाबू लाल मरांडी अब शरद यादव के साथ हो लिये हैं. लालू को ‘धनलोलुप’ और नीतीश को ‘सत्तालोलुप’ बता चुके बाबू लाल गुरुवार को नयी दिल्ली में होनेवाले शरद यादव के शक्ति परीक्षण में शामिल होंगे. जदयू के बागी नेता शरद यादव ने जो ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ का आयोजन किया है. सम्मेलन में भूतपूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, अखिलेश यादव और सीताराम येचुरी सहित विपक्ष के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की संभावना है.
शरद यादव ने देश की साझा विरासत को बचाने के उद्देश्य से आयोजित इस सम्मेलन का आयोजन किया है. शरद के मुताबिक, सम्मेलन में कांग्रेस, वाम दल, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सहित कई विपक्षी दलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. उनके इस आयोजन को जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के भाजपा से गंठबंधन के फैसले के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा हैयादव ने बाद में एक बयान में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल, माकपा से सीताराम येचुरी, सपा से अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल, राजद से मनोज
झा, नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने बैठक में शामिल होने की पुष्टि कर दी है.
इन नेताओं के अलावा भाकपा के डी राजा, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राॅय, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) से अजित सिंह, एनसीपी से तारिक अनवर और बसपा से वीर सिंह भी बैठक में शामिल होंगे. किसानों, दलितों और समाज के अन्य तबकों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल होंगे.
उधर, यादव ने नयी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के उन सवालों का कोई जवाब नहीं दिया, जिसमें उनसे कुमार से उनके मतभेदों और भविष्य की राजनीति के बारे में उठाये जानेवाले कदमों के बारे में पूछा गया था. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि यह आयोजन किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि देश के हित में है.
यादव ने जोर दिया कि ‘साझा विरासत’ संविधान की आत्मा है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसके साथ ‘छेड़छाड़’ की जा रही है. उन्होंने कहा कि ऐसी बैठकों का देश भर में आयोजन किया जायेगा. जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि आयोजन का फैसला हफ्तों पहले लिया गया था, जब उनकी पार्टी विपक्षी समूह का हिस्सा थी.
उन्होंने कहा, ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ किसी के खिलाफ नहीं, देशहित में है. यह देश के 125 करोड़ लोगों के हित में है.’ उन्होंने रोहित वेमुला की आत्महत्या, जेएनयू छात्र नजीब अहमद के लापता होने, देश भर में किसानों की आत्महत्या आदि मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा कि वंचित लोगों के लिए स्थिति काफी कठिन है.
आस्था के नाम पर हिंसा के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का समर्थन करते हुए यादव ने कहा कि यह जमीन पर नजर नहीं आता. जरूरत है कि मोदी अपनी पार्टी की सरकारों को यह बतायें कि वे उनके आदेशों का पालन करें.
इस बीच, नीतीश कुमार समर्थक जदयू नेताओं ने कहा है कि शरद यादव को ‘दागी नेताओं’ के साथ नहीं जाना चाहिए. जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने शरद यादव द्वारा विपक्षी नेताओं को आमंत्रित करने के कदम को तवज्जो नहीं दी और कहा कि ‘साझा विरासत बचाने’ को लेकर बैठक किये जाने पर किसी को आपत्ति नहीं होगी.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि जदयू ने शरद यादव को राज्यसभा में अपने संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया है. राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी भी शरद यादव के साथ थे. उन्हें पार्टी ने संसदीय दल से निलंबित कर दिया है. पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान पार्टी महासचिव के पद से हटाये गये अरुण श्रीवास्तव भी शरद यादव के साथ मौजूद थे
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