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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Tue ,01 Aug 2017 10:08:08 am |
समाचार नाऊ ब्यूरो : समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि रांची की भौगोलिक स्थिति तथा इसके इको सिस्टम को ध्यान में रखते हुए रांची को ग्रीन स्मार्ट सिटी बनाना चाहिए. शहर में अधिक से अधिक खुला स्थान हो और प्रकृति के अनुरूप लैंड स्केपिंग हो.
मुख्यमंत्री ने बिजली, पानी, सीवरेज-ड्रेनेज आदि व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अंडरग्राउंड विद्युत केबलिंग के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी उच्च मानक स्तर की हों. मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां शिक्षण संस्थान, स्कूल, अस्पताल, पार्क, आवासीय परिसर आदि के निर्माण में विशिष्ट वास्तु शैली का उपयोग हो. बाहर से आनेवाले व्यक्तियों को ऐसा महसूस हो कि वे एक विशिष्ट प्राकृतिक सौंदर्य वाले शहर का भ्रमण कर रहें हैं. साथ ही इस नगर में रहने वाले लोग यह महसूस करें कि नागरीय सुविधाएं उत्कृष्ट कोटि की हैं. मुख्यमंत्री ने जल्द से जल्द काम शुरू करने का निर्देश दिया.
स्मार्ट सिटी में सबसे ज्यादा स्थान शिक्षण संस्थानों को : बैठक में नगर विकास के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि 656 एकड़ में बननेवाली स्मार्ट सिटी में सबसे ज्यादा स्थान 20 प्रतिशत शिक्षण संस्थानों व स्किल डेवलपमेंट संस्थानों के लिए रखा गया है. 13 प्रतिशत आवासीय परिसर, 10 प्रतिशत कॉमर्शियल परिसर रहेंगे. यहां साइकिल ट्रैक अलग रहेगा. सोलर का भी व्यापक उपयोग स्मार्ट सिटी में किया जायेगा. रांची में 122 स्थानों पर साइकिल स्टेशन बनाये जा रहे हैं. शहर में हर 300 मीटर पर साइकिल स्टेशन रहेंगे. पहले चरण में साइकिल स्टेशन पर 1264 साइकिल उपलब्ध करायी जायेगी तथा सभी साइकिल जीपीएस से अटैच रहेंगी. इससे छात्रों, नौकरी पेशा वाले लोगों को काफी लाभ मिलेगा. साथ ही शहर में प्रदूषण भी कम होगा.
बैठक में नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, आइटी सचिव सतेंद्र सिंह, ऊर्जा सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, राजस्व सचिव केके सोन, उद्योग सचिव सुनील कुमार बर्णवाल व अन्य
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