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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Mon ,31 Jul 2017 07:07:33 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - कैबिनेट में प्रस्ताव आते ही मंत्री सरयू राय ने कहा था कि यह ठीक नहीं हो रहा है़, सरकार शराब बेचेगी, तो सरकार की साख और समाज का स्वास्थ्य गिरेगा़. मंत्री श्री राय ने कहा था कि विभाग का नाम उत्पाद एवं मद्य निषेध है़. विभाग बताये कि मद्य निषेध के लिए सरकार ने क्या उपाय किये है़ं, विभाग का काम केवल शराब बेचना नहीं, इसका निषेध भी करना है़. मंत्री सीपी सिंह ने पूछा कि इसकी कौन गारंटी लेगा कि सरकार शराब बेचेगी, तो राजस्व 11 सौ करोड़ से बढ़ जायेगा़. सरकार को यह काम नहीं करना चाहिए़. मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने भी प्रस्ताव के विरोध में अपनी आपत्ति दर्ज करायी़.
उधर मंत्री सरयू राय का कहना था कि सरकार मद्य निषेध के लिए बिहार, गुजरात की तर्ज या फिर अपना कोई कानून बना सकती है़ राज्य सरकार शराब का कोटा धीरे-धीरे कम कर निषेध की दिशा में बढ़ सकती है़ चार महीने के लिए एक्सटेंशन दिया जा रहा है, तो उसका ऑक्सन क्यों नहीं किया जा रहा है़.
मंत्री श्री राय का कहना था कि तमिलनाडु में सरकार ने शराब बेचना शुरू किया, तो 500 दुकानें बंद हो गयी़ं. छत्तीसगढ़ सरकार उन्हीं दुकानों को चला रही है, जिसकी नीलामी नहीं हो पायी थी़. मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी का कहना था कि वह इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकते है़ं. उधर मंत्रियों की आपत्ति पर मुख्यमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया़ मंत्रियों के विरोध के बीच ही कैबिनेट की बैठक खत्म हो गयी़ थी
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