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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,13 Jul 2017 06:07:44 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो रांची : रांची के प्रधान आयकर आयुक्त तापस दत्ता, अपर आयुक्त अरविंद कुमार, आइटीओ रंजीत लाल व एसके गांगुली सहित 11 लोगों के रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर और कोलकाता स्थित 27 ठिकानों पर दिल्ली सीबीआइ की टीम ने बुधवार को छापेमारी की. कोलकाता के सीए पवन मौर्या के अलावा फरजी कंपनी के सहारे इंट्री दिलाने के काम में लगे छह इंट्री ऑपरेटर के ठिकानों पर भी छापेमारी की गयी. प्रधान आयकर आयुक्त के कोलकाता स्थित ठिकानों से 3.50 करोड़ रुपये नकद और पांच किलो जेवर मिले हैं.
उन्हें देर शाम कोलकाता ले जाया गया. बाद में िगरफ्तार कर लिया गया. इसके अलावा आयकर अधिकारियों के यहां से असेसमेंट में गड़बड़ी से संबंधित कागजात मिले हैं. इंट्री ऑपरेटर के ठिकानों से फरजी कंपनी के कागजात मिले हैं. इन फरजी कंपनियों के सहारे काले धन को सफेद किया जाता था.
प्रधान आयुक्त से पूछताछ भी : दिल्ली सीबीआइ की टीम ने सुबह करीब नौ बजे एक साथ इन लोगों के रांची स्थित सात, हजारीबाग में एक और कोलकाता में 18 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की. प्रधान आयकर आयुक्त रांची में कार्यालय के ऊपर बने गेस्ट हाउस में ही रहते हैं. सीबीआइ अधिकारियों के एक दल ने गेस्ट हाउस की तलाशी लेने के बाद उनसे पूछताछ की. उनके और पारिवारिक सदस्यों के नाम अर्जित संपत्ति से संबंधित सवाल पूछे. इसके बाद सीबीआइ अधिकारियों का दल प्रधान आयकर आयुक्त को उनके चैंबर में ले गया और तलाशी ली. उनके कार्यालय से जुड़े अन्य अधिकारियों से पूछताछ की. सीबीआइ अधिकारियों ने आइटीओ रंजीत लाल और एसके गांगुली के रांची में स्थित घर और ऑफिस में भी छापेमारी की. दोनों से गहन पूछताछ भी की गयी.
क्या है सीबीआइ की प्राथमिकी में
सीबीआइ ने आयकर के अधिकारियों, सीए और इंट्री ऑपरेटर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें कहा गया है कि तापस दत्ता ने प्रधान आयकर आयुक्त के रूप में काम करते हुए 2016 और 2017 में अपर आयुक्त अरविंद कुमार, आइटीओ रंजीत लाल व एसके गांगुली के अलावा सीए पवन मौर्या और इंट्री ऑपरेटर के साथ मिल कर साजिश रची. साजिश में शामिल लोगों में अंचल व्यापार प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक विश्वनाथ अग्रवाल के अलावा संतोष चौधरी, पीके धानुका, सुबोध धानुका, आकाश अग्रवाल, विनोद और अरविंद अग्रवाल के नाम हैं. इन लोगों ने कोलकाता से असेसमेंट से जुड़े ऐसे मामलों को रांची और हजारीबाग में स्थानांतरित कराया, जिनमें टैक्स के रूप में बड़ी राशि मांगी गयी थी. इसके बाद प्रधान आयकर आयुक्त के निर्देश पर इन मामलों का नये सिरे से असेसमेंट कर संबंधित लोगों पर डिमांड कम किया गया. इसके बदले अधिकारियों के घूस के रूप में भारी रकम ली. अग्रवाल बंधुओं द्वारा फरजी कंपनियों के सहारे इंट्री दिला कर काले धन को सफेद किया जाता है.
क्या-क्या मिला
11 लोगों के यहां छापेमारी
कोलकाता स्थित ठिकाना
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