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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Tue ,11 Jul 2017 08:07:31 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और उन्होंने साफ किया कि वे सहयोगी लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से क्या चाहते हैं. तेजस्वी यादव बिहार सरकार में नंबर दो की हैसियत रखते हैं. पार्टी नेताओं की बैठक के बाद जेडीयू पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सीएम नीतीश कुमार की मंशा को सामने रखते हुए कहा, "जो लोग भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, उन्हें जनता का सामना करना चाहिए और अपने आपको बेदाग साबित करना चाहिए. हमें भरोसा है कि वे ऐसा करेंगे."
हालांकि जेडीयू ने तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम का पद छोड़ने के लिए कोई दबाव तो नहीं डाला लेकिन बहुत ही सख्त संदेश जरूर दिया. पार्टी ने कहा कि तेजस्वी को अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में सफाई देनी होगी अन्यथा उन्हें सरकार से इस्तीफा देना चाहिए.
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, "हमने कई बार अपने मंत्रियों से इस्तीफे लिए हैं." प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कई उदाहरण सामने रखे जब नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर अपने मंत्रियों के इस्तीफे लिए.
लालू यादव पर पिछले शुक्रवार को सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी के बाद यह पहला मौका है जब जेडीयू की ओर से तेजस्वी यादव के संबंध में कोई प्रतिक्रिया दी गई है. लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहने के दौरान अपने परिवार के लिए तीन एकड़ जमीन पटना में कब्जाई थी. इस जमीन पर तेजस्वी का मालिकाना हक है. आज की मीटिंग में, नीतीश कुमार ने लालू यादव के यहां पड़े सीबीआई छापों का अन्य दलों की तरह राजनीतिश प्रतिशोध कहकर कोई बचाव नहीं किया.
प्रवक्ता नीरज कुमार ने यह भी कहा, "हमें पता है कि गठबंधन धर्म कैसे निभाया जाता है. हम इसका अंतिम समय तक पालन करेंगे लेकिन हमें उम्मीद है कि आरोपों पर जनता का सामना जरूर किया जाएगा."
जेडीयू की ओर से यह प्रतिक्रिया पार्टी के नेताओं की बैठक के बाद आई जिसमें विधायक और सांसदों ने हिस्सा लिया. यह बैठक लालू परिवार पर लग रहे एक के बाद एक भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद स्थितियों से निपटने के लिहाज से आयोजित की गई थी. कल यानी सोमवार को इसी तरह की बैठक लालू यादव ने भी अपनी पार्टी के नेताओं के साथ आयोजित की थी जिसमें एक स्वर में फैसला लिया गया था कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे. लालू यादव ने कहा था कि सीबीआई के आरोप मनगढंत हैं और जिस समय को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं, उस समय तेजस्वी नाबालिग थे.
एक ओर जहां नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव से इस्तीफा नहीं लेने का फैसला किया, वहीं दूसरी ओर जेडीयू ने उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के चयन के लिए 17 विपक्षों दलों द्वारा दिल्ली में बुलाई गई बैठक में हिस्सा लिया और अपना समर्थन दिया.
नीतीश कुमार अपनी प्रतिष्ठा को बचाने का पूरा प्रयास करेंगे. पिछले 12 वर्ष के कार्यकाल में उनकी छवि बेहद ईमानदार नेता की रही है. बीजेपी के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद का समर्थन करने के कारण उनकी बीजेपी से नजदीकियां बढ़ने की बात कही गई थी.
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