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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,06 Jul 2017 07:07:56 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी जर्मनी के हैम्बर्ग में 7 और 8 जुलाई तक होने वाली G20 समिट के दौरान 8 वर्ल्ड लीडर्स से बाइलैटरल बातचीत करेंगे। इनमें चीन के प्रेसिडेंट शामिल नहीं हैं। हालांकि, ब्रिक्स समिट के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हो सकती है लेकिन बाइलैटरल बातचीत नहीं होगी। फॉरेन मिनिस्ट्री ने गुरुवार को कहा- पीएम अर्जेंटीना, कनाडा, इटली, जापान, मैक्सिको, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, ब्रिटेन और ब्रिटेन के टॉप लीडर्स से मुलाकात करेंगे। बता दें कि चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री ने भी गुरुवार को साफ कर दिया था कि G20 के दौरान मोदी जिनपिंग की मुलाकात नहीं होगी।
फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन गोपाल बागले ने कहा- प्राइम मिनिस्टर का हैम्बर्ग में 8 वर्ल्ड लीडर्स से मुलाकात का प्रोग्राम प्री-प्लान्ड और प्री-शेड्यूल है।
- बागले ने कहा- मोदी ब्रिक्स लीडर्स की मीटिंग में हिस्सा लेंगे। इस दौरान उनकी जिनपिंग से मुलाकात हो सकती है लेकिन ये बाइलैटरल बातचीत नहीं होगी।
- बता दें कि चीन सिक्किम-भूटान बॉर्डर पर सड़क बना रहा है। इसका भारत ने विरोध किया। इसी मामले को लेकर भारत-चीन में तनाव है।
- चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री ने गुरुवार को कहा- माहौल मुफीद नहीं है। लिहाजा, मोदी और जिनपिंग की बाइलैटरल मुलाकात नहीं होगी।
- हालांकि, G20 समिट के दौरान ब्रिक्स देशों के नेताओं की मुलाकात भी होगी। इस दौरान मोदी-जिनपिंग मिलेंगे। लेकिन, बाइलैटरल बातचीत नहीं होगी।
G20 में क्या एजेंडा?
- G20 समिट शुक्रवार से हो रही है। इस दौरान दुनिया की 20 बड़ी इकोनॉमीज के नेता काउंटर टेरेरिज्म, क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल ट्रेड पर बातचीत करेंगे।
- ‘शेपिंग एन इंटर कनेक्टेड वर्ल्ड’ G20 समिट की थीम रखी गई है। डोनाल्ड ट्रम्प, व्लादिमीर पुतिन, तुर्की के प्रेसिडेंट रिसेप तैयप एर्दोगन, फ्रांस के प्रेसिडेंट एमानुएल मैक्क्रां और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा इसमें शामिल होंगे।
- G20 में 19 देश और यूरोपीय यूनियन शामिल है। 19 देशों के नाम हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, साउथ कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका। इसके साथ ही यूरोपीय यूनियन।
- सिक्युरिटी के लिए 15 हजार सिक्युरिटी पर्सनल तैनात रहेंगे।
- दुनिया में डाटा कलेक्शन को लेकर बहस जारी है। इस बीच, एक ग्लोबल बॉडी ने भारत की आधार स्कीम की तारीफ की है। फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड यानी एफएसबी ने कहा- फाइनेंशियल रिफॉर्म्स के लिहाज से आधार एक शानदार स्कीम है। इससे बैंकिंग की पहुंच बढ़ेगी और कैश के कम इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा।
- G20 के पहले एफएसबी ने एक रिपोर्ट फाइल की है। ये समिट में शामिल होने वाले नेताओं के सामने पेश की जाएगी।
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