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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,06 Jul 2017 07:07:57 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो - दुमका को सिल्क हब बनाने की दिशा में केंद्रीय सिल्क बोर्ड जुट गयी है। बनारसी साड़ी की तरह दुमका को मयूराक्षी सिल्क साड़ी के तौर पर पहचान दिलाने की दिशा में प्रयास भी शुरू कर दिए गए है। दरअसल दुमका के इंडोर स्टेडियम में ट्राइबल सबप्लान एवं वन्या क्लस्टर योजना के तहत सेंट्रल सिल्क बोर्ड, हस्तकरघा रेशम एवं हस्तशिल्प निदेशालय एवं सहायक उद्योग निदेशक (रेशम) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक कार्यशाला में अधिकारियो ने कहा कि आने वाले दिनों में दुमका तसर सीटी के नाम से जाना जाएगा। यहाँ बता दे कि कहा कि पूरे राज्य का एक चौथाई तसर उत्पादन दुमका जिला में ही होता है। अधिकारियो ने तसर कृषकों से कहा कि वे और ज्यादा तसर उत्पादन करने का प्रयास करें ताकि दुमका को इसकी वजह से आíथक संबल मिल सके।
संताल परगना के सहायक उद्योग निदेशक (रेशम) सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि कीटापालकों द्वारा फसल लगाने का समय शुरू हो चुका है। पिछले साल से भी ज्यादा खेती इस साल करने का लक्ष्य है। इसमें तसर कृषकों की भूमिका अहम है। इस मौके पर दुमका उपायुक्त मुकेश कुमार ने तसर कीटपालकों के बीच किट्स का वितरण किया। कार्यशाला में मिशन निदेशक अनिल कुमार सिंह, सीटीआर एंड टीआई अजीत कुमार समेत अन्य अधिकारी और बड़ी संख्या में तसर कृषक मौजूद थे
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