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By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Fri ,30 Jun 2017 10:06:15 am |
समाचार नाऊ ब्यूरो - चीन और भारत के बीच लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। इसके चलते भारत और चीन ने सीमा पर 3-3 हजार सैनिक तैनात कर दिए है। सिक्किम-भूटान-तिब्बत ट्राइ-जंक्शन पर भारत और चीन के बीच जहां तनाव बरकरार है, वहीं दोनों ने अपने दूरवर्ती सीमा क्षेत्र में सैनिकों को भेजना जारी रखा है।आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने भी गुरुवार को गंगटोक स्थित 17 माउंटेन डिविजन और कलिमपोंग स्थित 27 माउंटेन डिविजन का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों ने दूरवर्ती सीमा क्षेत्र पर 3-3 हजार सैनिकों को तैनात कर ट्राइ-जंक्शन में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। भारतीय सेना ने हालांकि, इस पर कुछ भी कहने से इनकार किया है। सूत्र बताते हैं कि सालों से ट्राइ-जंक्शन पर सैनिक तैनात रहे हैं, लेकिन डोका ला जनरल पर सैनिकों की हाल में हुई तनाती बेहद गंभीर है। सूत्र ने कहा कि दोनों ही अपने स्थान से हटना नहीं चाहते। दोनों विरोधी कमांडरों के बीच हुई फ्लैग मीटिंग और वार्ता का फिलहाल कोई असर नहीं हुआ है।' जनरल रावत ने अपने दौरे पर विशेषकर 17 डिविजन में सैनिकों की तैनाती पर ध्यान दिया, जिनपर पूर्वी सिक्किम की रक्षा की जिम्मेदारी है। सूत्र ने बताया, '33 कॉर्प्स और 17 डिविजन कमांडर्स सहित सभी शीर्ष अधिकारी विस्तृत चर्चा के दौरान मौजूद रहे। सेनाध्यक्ष शुक्रवार सुबह दिल्ली लौटेंगे।' चीन के आक्रामक रवैये की परवाह ना करते हुए भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यह चीन को ट्राइ-जंक्शन तक सड़क नहीं बनाने देगा। भूटान ने भी डोका ला इलाके में चीन द्वारा सड़क निर्माण पर आपत्ति जताई है। भूटान के विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी कर चीन के कदम की निंदा की है। भारत ने सिलीगुड़ी कॉरीडोर में अपने डिफेंस को मजबूत किया है ताकि चीन के प्रवेश को रोका जा सके। यह संकरी पट्टी पूर्वोत्तर राज्यों को शेष भारत से जोड़ती है। सूत्र ने बताया कि यह भौगोलिक रूप से संवेदनशील है। चीन ने तिब्बत से लेकर भूटान से लगी सीमा तक कई सड़कें बनवाई हैं, वह क्षेत्र में रेलवे लाइन का विस्तार करना चाहता है।' .
कल चीन ने बॉर्डर पर टैंक तैनात किए थे आज भारत ने बॉर्डर पर अपने सबसे शक्तिशाली टैंक भेज दिए हैं। बता दें कि चीन ने भारतीय सैनिकों पर बॉर्डर में घुसने और सड़क निर्माण का काम रोकने का आरोप लगाया है। चीनी सेना ने भारत के दो बंकरों को तोड़ दिया और कहा कि ये चीन की सीमा में बने हुए थे। बीजिंग से भी चीन सख्त संदेश दे रहा है और बॉर्डर पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगातार लगा रहा है। हम समझने का प्रयास करते हैं कि आखिर क्या है सिक्किम में बॉर्डर पर विवाद का कारण।
कहां से शुरू हुआ विवाद? पिछले दिनों सिक्किम सेक्टर के डोंगलांग में चीन की ओर से सड़क बनाने का भारतीय सैनिकों ने विरोध किया। इसके बाद चीनी सैनिकों ने सिक्किम सेक्टर में भारत के दो बंकरों को तोड़ दिया। चीन इसे अपनी सीमा में बता रहा है। भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना की इस कार्रवाई की विरोध किया। तब से अबतक दोनों देशों के हजारों सैनिक आमने-सामने खड़े हैं। दरअसल चीन बॉर्डर पर भारत ने अपनी तैयारियां मजबूत की हैं। पुराने बंकरों की जगह नए बंकरों की इंडियन आर्मी के निर्माण कार्यों को चीन पचा नहीं पा रहा है और इसे उकसाऊ कार्रवाई बता रहा है। चीन की क्या है आपत्तियां : भारतीय बंकर हटाए जाने की घटना जून के पहले सप्ताह में सिक्किम के डोका ला इलाके में हुई जिससे सिक्किम क्षेत्र में भारत-चीन सीमा पर तनाव पैदा हो गया। चीन-भारत सीमा विवाद का इतिहास काफी लंबा है। दोनों देशों के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है जो जम्मू-कश्मीर से लेकर अरूणाचल प्रदेश तक है। इसमें 220 किलोमीटर का हिस्सा सिक्किम में पड़ता है। चूंकी इस इलाके में बॉर्डर लाइन पूरी तरह स्पष्ट नहीं है इसलिए कोई स्पष्ट आधार नहीं है सीमा का। जानें विवाद का भूटान कनेक्शन : सिक्किम सेक्टर के डोंगलांग के जिस इलाके में चीन की ओर से सड़क बनाने का भारतीय सैनिकों ने विरोध किया वहां चीन का कहना है कि ये सीमा भूटान से लगती है और भारत तीसरा पक्ष है। उसे इसमें बोलने का अधिकार नहीं है। जबकि सच्चाई ये है कि भूटान के विदेश और रक्षा मामलों को भारत देखता है और ऐसे में भारत को चीन से इस मसले को सुलझाने का पूरा हक है। चीन को भूटान पर भारत का ये प्रभाव रास नहीं आ रहा।
क्या कहा चीनी विदेश मंत्रालय ने? चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा- उम्मीद है कि देश अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान करें। चीन-भूटान सीमा निरूपित नहीं है, किसी तीसरे पक्ष को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। तथा गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी या कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। चीन ने भारत पर गुप्त एजेंडे का आरोप लगाया और कहा- अगर कोई तीसरा पक्ष, गुप्त एजेंडे से, हस्तक्षेप करता है तो यह भूटान की संप्रभुता का अपमान है। हम ऐसा नहीं देखना चाहते क्योंकि भूटान अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा संप्रभुता का हकदार है। चीन ने सिक्किम सेक्टर में सड़क निर्माण को वैध बताया और जोर दिया कि यह चीनी क्षेत्र में बनाया जा रहा है जो न तो भारत का और न ही भूटान का है। उन्होंने कहा कि किसी अन्य देश को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।
बॉर्डर पर चीन को रास नहीं आ रही भारत की तैयारियां : मोदी सरकार ने पिछले तीन साल में चीन सीमा पर सैन्य तैयारियां तेज की है। पीएम मोदी ने चीन सीमा के लिए 1 लाख सैनिकों की माउंटेन स्ट्राइक कोर बनाने, फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की डील, समंदर में नेवी के लिए अमेरिका से गार्डियन ड्रोन की खरीद, अमेरिकी लड़ाकू विमान F-16 का भारत में निर्माण, हॉवित्जर तोप की खरीद समेत कई कदम उठाए हैं जिससे चीन बौखलाया हुआ है। इसके अलावा चीन सीमा से लगते इलाकों बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भी कदम उठाए गए हैं। जैसे चीन बॉर्डर के पास ग्लोबमास्टर विमान की लैडिंग, असम में चीन सीमा तक जाने वाले सड़क पुल का निर्माण, लेह तक रेल मार्ग का विस्तार आदि कई कदम ऐसे है जिसे चीन बॉर्डर पर भारत की बढ़ती तैयारियों के रूप में देखता है।
अमेरिका से दोस्ती भी चीन को खटक रही : पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से भी चीन काफी बौखलाया हुआ है। ट्रंप-मोदी की दोस्ती की तस्वीरों के बाद चीन की प्रतिक्रिया आई थी कि भारत गुटनिरपेक्षता की अपनी नीती छोड़कर अमेरिका के साथ चीन के खिलाफ खड़ा हो रहा है ये भारत के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। चीन क्यों नहीं बन सकता भारत का स्वाभाविक दोस्त? कई मामलों पर दो पड़ोसी देश भारत और चीन आमने-सामने हैं। हाल में दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा को लेकर भी चीन ने आपत्ति जताई थी। जबकि भारत ने उस शुद्ध आध्यात्मिक यात्रा बताया था। इससे पहले भारत ने चीन-पाकिस्तान की सीपीईसी प्रोजेक्ट से दूरी बनाई थी तब भी चीन ने भारत पर निशाना साधा था। एनएसजी में भारत की एंट्री में भी ची बाधा बनता रहा है। पाकिस्तान से सक्रिय हाफिज सईद समेत तमाम आतंकियों पर बैन लगवाने की भारत की कोशिशों में भी चीन अड़ंगा लगाता रहा है। दक्षिण चीन सागर में भी भारत अमेरिका और जापान के साथ मिलकर चीन की दादागीरी का विरोध करता रहा है। ये सभी बातें चीन को खटकती रही हैं। ऐसे माहौल में चीन और भारत के बीच सहयोग की संभावनाएं बहुत कम है। इसको ध्यान में रखते ही भारत आगे बढ़ रहा है। ..........................
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