Breaking News
By समाचार नाऊ ब्यूरो | Publish Date: Thu ,15 Jun 2017 04:06:47 pm |
समाचार नाऊ ब्यूरो रांची : आज सुबह एक खबर आयी कि रांची से सटे पिठोरिया में बालदेव महतो नामक एक और किसान ने आत्महत्या कर ली है. सप्ताह भर में इसी इलाके में यह किसान आत्महत्या की दूसरी घटना है. पिठोरिया रांची का वह इलाका है, जो अपने सब्जी उत्पादन के लिए जाना जाता है और आसपास के कई राज्यों में यहां से थोक के भाव ट्रक के ट्रक सब्जियां भेजी जाती हैं. आप इस जगह के बारे में इस आधार पर भी आकलन कर सकते हैं कि खुदरा कारोबार में उतरने पर और झारखंड में अपने स्टोरों के विस्तार के समय ही रिलायंस ने यहां सब्जियों के लिए अपना कलेक्शन सेंटर बनाया था.
बालदेव ने उसी कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली जिससे वह अपने खेतों में पानी पहुंचाना चाहते थे. घर में उनकी लाश अंतिम संस्कार के लिए पड़ी हो उनके भाई और आसपास के लोग भी यही कहें कि हम पर भी कर्ज है एक दिन हम भी इसी तरह आत्महत्या कर लेंगे तो आप समझ सकते हैं कि मामला कितना गंभीर है? रांची के पिठोरिया इलाके के सेमर बेड़ा गांव में कलेश्वर महतो की आत्महत्या ने किसानों की हालत पर सवाल खड़े किये ही थे कि आज सुतियांबे गांव में किसान बालदेव महतो ने आत्महत्या कर ली
छह भाईयों में तीसरे नंबर पर बालदेव थे. उनके दो बेटे हैं. एक बेटे ने अभी मैट्रीक की परीक्षा पास की है और दूसरा अभी 6ठी क्लास का छात्र है. परिवार वाले बताते हैं कि बेटे के नामांकन की चिंता और परिवार पर लदा कर्ज हमेशा उन्हें परेशान करता था. परिवार वालों ने प्रभात खबर डॉट कॉम से बातचीत के दौरान कहा कि कर्ज से सिर्फ यही परेशान नहीं है हम सभी परेशान हैं. बालदेव के बड़े भाई पर भी कर्ज का दबाव है. उन्होंने प्रभात खबर डॉट कॉम के फेसबुक लाइव में कहा कि मेरे मन में भी आत्महत्या के विचार आ रहे हैं. मेरी पांच बेटियां हैं. सबकी शादी करनी है. इतना पैसा नहीं है कि दहेज दे सकूं. आत्महत्या की ना सोचूं तो क्या करूं?
बालदेव ने केसीसी लोन लेकर टमाटर, मटर समेत कई सब्जियों की खेती की लेकिन लागत भी वसूल नहीं पाये. दिन-रात की मेहनत और आमद तो दूर लागत भी वसूल ना कर पाने की चिंता उन्हें परेशान कर रही थी. परिवार का खर्च बढ़ रहा था. उनकी पत्नी भी परेशान रहती थीं. जिस कुएं में उन्होंने कूदकर जान दे दी उसे बनाने के लिए ही उन्होंने अपनी जमीन बेच दी थी. कुएं में पानी नहीं है जिससे वो सिंचाई कर पाते. गांव वाले बताते हैं, कुआं बनाने में बालदेव को बहुत मेहनत करनी पड़ी. एक बार कुएं का काम पूरा हो चुका था लेकिन धंस गया उसे दोबारा बनाना पड़ा.
पिठोरिया के इन इलाकों में समस्या कम नहीं है. सुतियाआंबे, लोहड़िया टोला जैसे कई इलाके हैं जहां, शौचालय, इंदिरा आवास जैसी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. मृतक बालदेव के बड़े भाई सत्यनारायण महतो की बेटी खुशबू कहतीं है मेरे पिता के पास पैसे नहीं हैं. हम पांच बहने हैं हमारी शादी इसी कारण नहीं हो रही. सुबह उठकर हमें बाहर शौच जाना पड़ता है. घर की हालत आप चलकर देख लीजिए क्या हमें इंदिरा आवास नहीं मिलना चाहिए? कोई नहीं आता हमारी बात सुनने, हम किस हाल में हैं यह देखने...और, केसीसी का कर्ज माफ नहीं किया गया तो अभी कई किसान आत्महत्या करेंगे
All rights reserved © 2013-2024 samacharnow.com
Developed by Mania Group Of Technology.